Gopalganj By Election: गोपालगंज सीट का सियासी समीकरण और इतिहास, हो सकता है त्रीकोणीय मुक़ाबला
2005 अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 39 हज़ार 205 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं बसपा प्रत्याशी रेयाजुल हक (राजू) 31 हज़ार271 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे। राजद प्रत्याशी ध्रुवनाथ चौधरी..
गोपालगंज, 3 अक्टूबर 2022। बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। गोपालगंज और मोकामा में 3 नवंबर को चुनाव होना है। मोकामा में अनंत सिंह की विधायकी जाने की वजह से चुनाव हो रहा है तो वहीं गोपालगंज में पूर्व मंत्री सह तत्कालीन विधायक सुभाष सिंह के निधन की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं। इस बाबत 7 अक्टूबर को अधिसूचना होगी, इसके साथ ही 14 तारीख को नामांकन और 17 तारीख को नामांकन वापस लेने की तारीख तय की गई है।
गोपालगंज उपचुनाव में हो सकता है दिलचस्प मुक़ाबला
गोपालगंज विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। बिहार में बदली सियासी फ़िज़ा के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट नाक की लड़ाई बन चुकी है। भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद इस सीट को दोबारा से भाजपा के खाते में लाने के लिए भाजपा रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में जदयू एनडीए गठबंधन दल का हिस्सा थी और लेकिन अब समीकरण बदल चुका है, जदयू महागठबंधन के साथ सरकार बना चुकी है। किस तरह से त्रिकोणीय मुकाबला होगा यह हम आपको आगे बताएंगे । इससे पहले हम आपको यहां के सियासी इतिहास के बारे में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं।
भाजपा के रहा है गोपालगंज सीट पर कब्जा
गोपालगंज सीट के पिछले छह विधानसभा चुनावों के परिणामों पर नज़र डाले तो 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 77 हज़ार 791 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। वहीं बसपा प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद (साधु यादव) 41 हज़ार 39 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर 36 हज़ार 460 वोटों से तीसरे नंबर पर रहे थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 78 हज़ार 491 वोटो से जीत दर्ज की थी। वहीं राजद प्रत्याशी रेयाजुल हक (राजू) 73 हज़ार 417 वोटों से दूसरे नंबर पर थे। बसपा प्रत्याशी जय हिंद प्रसाद 3 हज़ार 665 वोटों से तीसरे नंबर पर थे। 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 58 हज़ार 10 वोटों से जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद (साधु यादव) 8 हज़ार 488 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे।
प्रत्याशी वही पार्टी का बदलता रहा नाम
2005 अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह ने 39 हज़ार 205 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं बसपा प्रत्याशी रेयाजुल हक (राजू) 31 हज़ार271 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे। राजद प्रत्याशी ध्रुवनाथ चौधरी 21 हज़ार 894 वोटों से तीसरे नंबर पर रहे थे। 2005 फरवरी विधानसभा चुनाव में रेयाजुल हक (राजू) ने 27 हज़ार 885 वोटों से जीत दर्ज की थी। लोजपा प्रत्याशी सुभाष सिंह 24 हज़ार 587 वोटों से दूसरे नंबर पर रहते थे। निर्दलीय प्रत्याशी इंदिरा यादव 22 हज़ार 617 वोटों से तीसरे नंबर पर रही थी। 2000 के विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद (साधु यादव) ने 30 हज़ार 248 वोटों से जीत दर्ज की थी। बिहार पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी सुभाष सिंह 19 हज़ार 372 वोटों से दूसरे नंबर पर रहे थे। निर्दलीय उम्मीदवार रेयाजुल हक (राजू) 17 हज़ार 837 वोटों से तीसरे नंबर पर रहे थे।
साधू यादव भी ठोक सकते हैं उपचुनाव में ताल
गोपालगंज विधानसभा सीट पिछले 6 विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखने के बाद यह तो साफ हो गया कि पिछले चार चुनावों से इस सीट पर भाजपा का क़ब्ज़ा रहा है। उससे पहले पार्टी बदल बदल कर प्रत्याशी किस्मत आज़माते रहे हैं। चूंकि अस बार महागठंबधन से एक उम्मीदवार चुनाव में उतरेगा। वहीं भाजपा से एक उम्मीदवार होगा और बसपा से पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद यादव (साधु यादव) के चुनावी ताल ठोकने अटकलें तेज़ है। अगर ऐसा होता है तो इस बार गोपालगंज में दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
महागठंबधन में टिकट की दावेदारी पर फंस सकता है पेंच
भारतीय जनता पार्टी का पिछले चार विधानसभा चुनावों से गोपालगंज विधानसभा सीट पर कब्जा रहा है, ऐसे में भाजपा के लिए यह शाख की लड़ाई बन चुकी है। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से महागंठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने उम्मीदवार ने पर्चा खिल किया था। इस बार टिकट किसे मिलेगा यह देखने वाली बात होगी। पिछले विधानसभा के समीकरण कुछ और थे इस बार के समीकरण कुछ और है। कांग्रेस अपने जीत का दावा करते हुए टिकट लेना चाह रही है। वहीं जदयू एनडीए से अलग होने के बाद खुद के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाह रही है। इन सबके अलावा राजद सुप्रीमो लालू यादव का गोपालगंज गृह जिला है। हाल ही में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 500 करोड़ के मेडिकल कॉलेज के साथ ही जिले को 600 करोड़ भी रुपये की सौगात दी थी। इससे महागठबंधन की तरफ़ से राजद के टिकट की दावेदारी की अटकलें लगाई जा रही हैं।
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