सीएम नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के लिए की मांग, कहा- यह हर हाल में होना ही चाहिए
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने के लिए 350 एंबुलेंस का वितरण किया और 50 सीएनजी बसों के परिचालन का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोगों को अस्पताल ले जाने में दिक्कत ना हो इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एंबुलेंस दिये गए। जल्द ही 850 एंबुलेंस और लाभुकों को दिये जाएंगे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर जातीय जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा कि यह हर हाल में होना ही चाहिए।
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सीएम नीतीश ने कहा कि साल 2019 के फरवरी और 2020 के फरवरी में विधानसभा से यह सर्व सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि जनगणना जाति आधारित हो। एक बार जातीय आधार पर जनगणना जरूर होनी चाहिए। इससे पता चलेगा की SC- ST के अलावा गरीब-गुरबा तबके के जो लोग हैं, उनकी संख्या क्या है। उनको इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में बताया गया कि नहीं हो सकता है तो हमने फिर आग्रह किया है जातीय जनगणना होनी चाहिए।
बता दें कि इससे पूर्व राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर जातिगत जनगणना की मांग की थी। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान करवाती है। केंद्र सरकार ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं करना चाहती।
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इसके अलावा कहा कि भाजपा को पिछड़े व अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है। तेजस्वी यादव ने कहा कि कुत्ता-बिल्ली,हाथी-घोड़ा,शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है। कौन किस धर्म का है,उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित,उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है? उनकी जनगणना के लिए फ़ॉर्म में महज एक कॉलम जोड़ना है।