चिराग पासवान और पशुपति के बीच क्यों आई दूरी, क्या इस अपमान का चाचा ने लिया है बदला?
पटना, 15 जून: बिहार की राजनीति में सोमवार को बड़ा भूचाल आया। स्वर्गीय रामविलास पासवान के सुपुत्र चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के 6 में से 5 सांसद उनके खिलाफ हो गए और रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में अपनी पार्टी का नया नेता चुन लिया। सांसदों ने स्पीकर ओम बिरला से मिलकर पशुपति को पार्टी का नया नेता चुना। ऐसे में चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। इस बदलाव के बाद सब के मन में ये सवाल उठ रहा है कि अचानक ऐसा क्यों हुआ आखिर इस बदलाव की पटकथा किसने लिखी। ऐसे क्या कारण था कि चिराग पासवान के सगे चाचा पशुपति ही उनकी राजनीतिक नइया डूबाने में जुट गए हैं। आइए जानते हैं इसकी खास वजह....
रामविलास की मौत और बिहार चुनाव के समय का ये वाकया
बता दें एजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच ये झगड़ा राम विलास पासवान की मौत के बाद और बिहार विधान सभा चुनाव के समय ही शुरू हो गया था। चिराग इस चुनाव में जहां हर भाषण में नीतीश कुमार के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे वहीं चाचा पशुपति कुमार पारस रामविलास की मौत के चार दिन बाद ही नीतीश कुमार की तारीफ करने में जुट गए थे।
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पशुपति ने कहा था आज से तुम्हारे चाचा तुम्हारे लिए मर गए हैं
ये बात चिराग पासवान को बिलकुल नहीं पची और इस बात से नाराज होकर चिराग पासवान ने अपने चाचा को एलजेपी से बाहर निकालने की धमकी तक दे डाली थी। चिराग पासवान की इस बात से पशुपति को बड़ा धक्का लगा और उन्होंने चिराग से जवाब में ये कहा था आज से तुम्हारे चाचा तुम्हारे लिए मर गए हैं।
पशुपति की एक नहीं चलने देते थे चिराग
इस वाकये के बाद एलजेपी में होने के बावजूद चिराग और पशुपति की बात होनी बंद हो गई। हालांकि नीतीश कुमार की तारीफ जब पशुपति ने की तो चिराग ने उन पर दबाव भी बनाया और तब प्रेस वार्ता कर उन्होंने बात संभाली थी। उस समय उन्होंने पार्टी लाइन के साथ होने की बात कही । पशुपति शुरूआत से ही एनडीए से अलग होकर या भाजपा और जदयू से अगल होकर चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थे लेकिन चिराग में उनकी एक नहीं चलने दी। यहां तक उम्मीदवारों को फाइनल करते समय भी चिराग ने चाचा को तवज्जो नहीं दी। ये बात भी पशुपति को नगवार गुज़री थी।
चाचा पशुपति को दरकिनार करने की सजा भुगत रहे चिराग
अब जबकि पांच सांसद मिलकर पार्टी का मुखिया पशुपति को घोषित कर चुके हैं इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान एलजेपी की कमान संभालने के बाद पार्टी के सर्वे-सर्वा बने रहे और अपने चाचा को दर-किनार कर दिया। जिसका बदला लेते हुए पशुपति ने अब चिराग पासवान पर तगड़ा वार किया है।
नीतीश से पंगा लेना चिराग पासवान को पड़ा भारी!
हालांकि पशुपति कुमार पारस के इस वार से चिराग पासवान का राजनीतिक करियर हाशिए पर जाता नजर आ रहा है। पिता की मौत के बाद मोदी कैबिनेट में शामिल होने का सपना देखने वाले भतीजे चिराग को चाचा पशुपति ने बड़ा झटका दिया है। वहीं नीतीश कुमार से दुश्मनी साधने के बाद से नीतीश भी ऐसे ही मौके की तलाश कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार जेडीयू और भाजपा के एक वरिष्ठ सांसद ने लोक जनशक्ति पार्टी के सांसदों से संपर्क किया और जो हो रहा है वो सबके सामने है।