राजदेव रंजन हत्याकांड: कोर्ट ने शहाबुद्दीन को बनाया आरोपी, चलेगा मुकदमा
बिहार के सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हुई हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बाहुबली और राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को आरोपी बनाया है।
पटना। बिहार के सीवान जिले में बीते साल हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बाहुबली और राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को आरोपी बनाया है। अब इस मामले में शहाबुद्दीन के खिलाफ मुकदमा चलेगा। शहाबुद्दीन इस सुनवाई के दौरान डियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित थे जहां कोर्ट ने उन्हें पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में 10वां अभियुक्त बनाने के साथ-साथ 8 दिन के रिमांड पर लेने का आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि 13 मई 2016 की शाम में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद बिहार में जमकर बवाल हुआ। ऐसा कहा जा रहा था कि पत्रकार की हत्या की साजिश जेल से शहाबुद्दीन ने रची थी। गालांकि इस मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की एसआईटी टीम के जांच में शहाबुद्दीन का नाम स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आया था पर सीबीआई की जांच में शहाबुद्दीन के खिलाफ काफी सबूत मिले जिसके बाद आज कोर्ट ने शहाबुदेदीन को आरोपी बनाया।
जानिए पत्रकार हत्याकांड में कब क्या हुआ
13 मई 2016 को सिवान के रेलवे स्टेशन के पास पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर कर हत्या दी गई जिसमें शहाबुद्दीन का नाम सामने आया था। हत्या के बाद 15 मई 2016 को मामले की जांच के लिए सिवान के SP ने एसआईटी का गठन किया। मामले पर बढ़ते बवाल को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 मई 2016 को इस मामले में सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की फिर 22 मई 2017 को शहाबुद्दीन के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। वहीं पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस हत्याकांड में सहाबुद्दीन को अभियुक्त बनाने बनाए जाने के बाद कहां की अब हमें लगता है कि हमारे पति के हत्यारे की षड्यंत्र रचने वालों का खुलासा जल्द हो जाएगा। आशा रंजन ने हीं इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए सीबीआई जांच शुरू करने की मांग की थी।
शहाबुद्दीन पर दर्ज अब तक 45 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं
आपको बताते चलें कि बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन के खिलाफ अब तक कुल लगभग 45 मामले दर्ज है। जिसमें कुछ मामले ऐसे हैं जिसका नाम लेते ही चेहरे पर एक भयानक और आंखों के सामने खौफनाक चेहरा आ जाता है। सबसे पहले शहाबुद्दीन का वह अपराध जिससे उसकी बाहुबली और खौफनाक चेहरा सामने आया था वह है सिवान के दो भाइयों को तेजाब से नहला कर हत्या। वहीं केन्द्र एवं राज्य की खुफिया विभाग द्वारा बनाई सूची के अनुसार वर्ष 2003 तक शहाबुद्दीन पर कूल 40 आपराधिक मामले दर्ज थे जो अब बढ़कर 45 हो गए हैं। शहाबुद्दीन के खिलाफ तब सौंपी गई 250 पन्नों से अधिक की गोपनीय रिपोर्ट में शहाबुद्दीन और उनके बहनोई व पूर्व मंत्री एजाजुल हक का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआई एवं कश्मीर में कार्यरत अलगाववादी आतंकियों और हिजबुल मुजाहिदीन के कई सर्वोच्च कमांडरों से होना बताया गया है।
बिहार से तिहाड़ जाने वाले दूसरे नेता है शहाबुद्दीन
शहाबुद्दीन बिहार के ऐसे दूसरे राजनेता हैं जिन्हें आपराधिक मामले में बिहार से तिहाड़ शिफ्ट करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया। इससे पहले 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने मधेपुरा के तत्कालीन सासंद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पटना के बेऊर जेल से तिहाड़ जले में शिफ़्ट करने का आदेश दिया था। तब पप्पू यादव पूर्णिया के तत्कालीन विधायक अजीत सरकार हत्याकांड में पटना के बेऊर जेल में बंद थे। इस आदेश के चार दिन बाद ही 19 फरवरी 2005 को पप्पू यादव को तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया था। यह आश्चर्यजनक संयोग ही है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी (2005) को ही पप्पू यादव को बिहार से तिहाड़ शिफ्ट करने का फैसला सुनाया था और शहाबुद्दीन को भी बिहार से तिहाड़ शिफ्ट करने का फैसला भी 15 फरवरी (2017) को ही आया।