Bihar : 'मां मरने वाली है, 2 दिन बाद की छुट्टी दें', वायरल हो रहा शिक्षकों का अजीबोगरीब आवेदन पत्र
बिहार में इन दिनों शिक्षकों द्वारा अधिकारियों का अनोखे तरीके से विरोध करने का मामला खासा चर्चा में है। सोशल मीडिया पर भी आपने हाल ही में छुट्टी की मांग को लेकर अजीबोगरीब आवेदन पत्र देखें होंगे। अगर नहीं देखे तो आज हम आपको बताएंगे बिहार के बांका में शिक्षकों के द्वारा अजीबोगरीब आवेदन पत्र देकर छुट्टी की मांग करने का पूरा मामला क्या है और छुट्टी की मांग को लेकर दिए जाने वाले यह आवेदन पत्र क्यों चर्चा का विषय बन गए हैं।

"माँ का देहांत होने वाला है, चाहिए छुट्टी"
दरअसल, बिहार के बांका में आए दिन कोई शिक्षक भविष्य में पेट खराब हाेने का ताे काेई शिक्षक भविष्य में होने वाले अपनी मां के निधन का व्यांगात्मक काेट कर अपने प्रधानाध्यपक को छुट्टी का आवेदन दे रहे है। जिससे की यह मामला काफी रोचक होता जा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर शिक्षा विभाग में हर कोई यह जानने के लिए उत्साहित है कि आखिर मामला क्या है।
हुआ यह कि भागलपुर प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा यह आदेश पारित किया गया था कि आकस्मिक अवकाश के लिए तीन दिन पहले स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। ऊपर से आए इस आदेश के उपरांत सभी चक्कर में पड़ गए कि भविष्य में होने वाली आकस्मिक घटनाओ का भला किसी को क्या पता। आकस्मिक अवकाश का अर्थ ही होता है कि अचानक हुई कोई घटना जिसके चलते अचानक ही अवकाश लेना पड़े। पर वो कहते हैं न कि 'गुरु, गुरु ही होता है।'
विरोध जताने का अनोखा तरीका
वहीं इस समस्या का हल निकालने और अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश का विरोध करते हुए शिक्षकों के द्वारा यह अनोखे पत्र लिखे जाने लगे। इसी के चलते आज धोरैया के एक शिक्षक अजय कुमार ने आवेदन देकर बताया है कि उनकी मां बीमार है, आगामी पांच दिसंबर की रात 8 बजे उनकी मां का निधन हो जाएगा, इसलिए 6 एवं 7 दिसंबर की छुट्टी दी जाए। ऐसा आवेदन मिलने के साथ ही संबंधित प्रधानाध्यापक से लेकर वरीय पदाधिकारी तक अपना सिर पीट रहे है।

अबतक ऐसे कई पत्र लिखे जा चुके हैं
बता दें कि अजय कुमार के इलावा भी कई अन्य शिक्षक इसी तरह का आवेदन पत्र लिख चुके हैं। बाराहाट के खडियारा उर्दू विद्यालय के शिक्षक राज गौरव द्वारा लिखा गया एक और आवेदन पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमे लिखा गया, "4 दिसंबर और 5 दिसंबर को मै बीमार रहूँगा। जिस वजह से मै विद्यालय नहीं आ पाउँगा। इसलिए आकस्मिक अवकाश को स्वीकृत किया जाए।" यह आवेदन पत्र 1 दिसंबर यानी गुरुवार को लिखा गया था।
शादी में जाने के लिए अवकाश
इनके इलावा कटोरिया के मध्य विद्यालय जमदाहा के शिक्षक नीरज कुमार ने ऐसा ही एक आवेदन पत्र लिखा, जिसमे उन्होंने कहा कि " मै 7 दिसंबर को एक शादी में जा रहा हूँ। श्रीमान को मालूम है कि शादी समारोह में मै जमकर भोजन का लुत्फ़ उठाऊंगा और फिर पेट ख़राब होना लाजिमी है। इसलिए तीन दिन पूर्व ही आवेदन करने की कृपा करें।" बता दें कि यह पत्र अस्वीकृत कर दिया गया।

आदेश का मकसद शिक्षकों को परेशान करना नहीं
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिवघनश्याम प्रसाद यादव ने कहा कि प्रमंडल या जिलास्तर के अधिकारी का काम सरकार के नियमावली का अनुपालन कराना है। पत्र निकालने वाले अधिकारी को नियमावली बनाने का अधिकार किसने दिया है। सीएल के आदेश का मामला मैं पटना तक पहुंचा चुका हूं। शुक्रवार को संघ के साथ शिक्षा अधिकारियों से मिलने पटना जा रहा हूं। संगठन इस आदेश की कड़ी निंदा करता है।
अधकारी का क्या है कहना
वहीं, बांका के जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि आयुक्त के आदेश पर सीएल के संबंध में पत्र जारी किया गया है। इस पत्र का मतलब शिक्षकों को परेशान करना नहीं है। वे लोग चाहते हैं कि शिक्षकों की छु्ट्टी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो। निरीक्षण के दौरान कई विद्यालयों में एक साथ अधिकतर शिक्षक छुट्टी पर मिले। पढ़ाई बाधित मिली। इसे देखते हुए सीएल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जरूरी पड़ने पर किसी का अवकाश रोका नहीं जाएगा। कुछ लोग इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं।
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