लाल पहाड़ी का राज जल्द आएगा सामने, शुरू हुआ खुदाई का कार्य, कभी गौतम बुद्ध ने 3 साल गुजारे थे यहां
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लखीसराय के दौरे पर हवाई मार्ग से पहुंचे जहां उन्होंने लाल पहाड़ी की खुदाई का शुभारंभ किया। लखीसराय जिला में स्थित लाल पहाड़ी अपने अंदर बहुत सारे ऐतिहासिक तथ्यों और राजों को समेटे हुए हैं। लाल पहाड़ में छुपे ऐतिहासिक तथ्यों को आम लोगों के साथ साथ पूरा विश्व जानने को उत्सुक है। विश्व शांति निकेतन के पुरातत्व विशेषज्ञों ने इस पहाड़ी में दफन राजों को सामने लाने की जिम्मेदारी उठाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाल पहाड़ी मे दफन राज को उजागर करने के लिए आज लखीसराय पहुंचे जहां उन्होंने इसकी खुदाई का शुभारंभ किया।
नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ
शनिवार दोपहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाल पहाड़ी पर पुरातात्विक अवशेष की खुदाई का शुभारंभ करने हेलीकॉप्टर से वहां पहुंचे। उनकी सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जमीन से लेकर पहाड़ तक कुल 50 जगहों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंत्री राजीव रंजन सिंह, विजय कुमार सिन्हा, श्रवण कुमार, कृष्ण कुमार और सासंद वीणा देवी भी मौजूद थी। लाल पहाड़ी पर सीएम के पहुंचते ही पहाड़ी के समतल जगह पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
गौतम बुद्ध ने गुजारे थे 3 साल
बता दें कि बिहार विरासत बचाओ समिति और विश्व भारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन ने इस पहाड़ी पर पुरातात्विक अवशेष की खुदाई की जिम्मेदारी उठाई है। बताया जा रहा है कि लाल पहाड़ी के अंदर दफन बौद्ध अवशेषों को निकाला जायेगा। इस पहाड़ी में कभी भगवान बुद्ध तीन वर्षों तक ठहरे थे। ऐसे में पहाड़ी की खुदाई से लोग अपने विरासत को भी जान पाएंगे।
पाल वंश के शासकों ने बनाई थी ईमारतें
पुरात्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लाल पहाड़ी की खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही उन अवशेषों को संग्रहालय बनाकर सुरक्षित रखा जाएगा। बताया जाता है कि इस पहाड़ी में पाल वंश के शासकों द्वारा बनवाई ईमारतें हैं। इस खुदाई से पालवंश के बारे में कई नई ऐतिहासिक जानकारियां सामने आ सकती है।
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