जातिगत आधार पर होगी बिहार में होने वाली 2021 की जनगणना, सर्वसम्मति से प्रस्ताव हुआ पास
पटना। गुरुवार को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से राज्य में होने वाली जनगणना को जाति के आधार पर करने का प्रस्ताव पास हो गया। राष्ट्रीय जनता दल ( राजद ) काफी लंबे समय से जातीय आधार पर जनगणना कराने की मांग करती आ रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जातीय आधार पर जनगणना को लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं। वहीं सीएम नीतीश कुमार भी कई मंचों से यह बात कहते हैं कि जातीय आधारित जनगणना की जरूरत महसूस हो रही है।
इसके अलावा बिहार की तमाम विपक्षी पार्टी के एजेंडा में जातीय आधारित जनगणना की बात है लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने एक बार में ही सभी दलों के इस मुद्दे को छीन लिया है। बता दें कि गुरुवार को भी बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा में प्रश्नकाल के वक्त कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में लालटेन युग समाप्त हो गया, अब बिजली आ गई है। इतना सुनते ही राजद के नेता वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।
मंत्री ने कहा कि एक पिछड़ा समाज का नेता प्रेम कुमार मंत्री बना है तो राजद को सुहा नहीं रहा। सदन में भारी शोर-शराब के चलते सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भी विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था। नियोजित शिक्षकों को सम्मान वेतन, हड़ताल के चलते बर्खास्तगी को वापस लेने के मसले पर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था।
विधानसभा में पहली पाली के कार्यवाही दो बार बाधित हुई और केवल 24 मिनट तक ही चली। जबकि विधान परिषद में सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने वेल में उतरकर सरकार विरोधी नारे लगाए। हालांकि विधान परिषद की कार्यवाही इसके बाद चली। नियोजित शिक्षकों के मसले पर विधानसबा में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने वेल में उतरकर नारेबाजी की।
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