बिहारः 4 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण के लिए तैयार
पटना। कोरोना वैक्सीन को लेकर बिहार में 4 लाख 42 हजार स्वास्थ्यकर्मी टीका लगाने के लिए तैयार है, जिन्होंने कॉरविन वायरस बीमारी (कोविड -19) के टीकाकरण के लिए CoWIN पोर्टल पर दाखिला लिया है। यहां तक कि टीकाकारों के लिए प्रशिक्षण भी आगे बढ़ाया गया था ताकि कोई तकनीकी गड़बड़ न हो। बता दें कि बीते शुक्रवार को पटना में PMCH, NMCH, पारस अस्पताल और खगौल के मध्य बालिक विद्यालय में टीकाकरण का अभियान चला।

इससे पहले दो जनवरी को भी पटना के साथ-साथ पश्चिम चंपारण और जमुई सहित तीन जिलों में नौ केंद्रों पर 225 लाभार्थियों पर पूर्वाभ्यास हुआ था। शुक्रवार को अभियान के दौरान हर स्थल पर लाभार्थी के रूप में 25 स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। बता दें कि सभी जिलों में तीन प्रकार के सत्र स्थल बनाए गए थे। इसमें सदर अस्पताल या मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, निजी स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण तथा शहरी सत्र स्थल शामिल हैं।
30 सरकारी और जिला अस्पताल, नौ मेडिकल कॉलेज अस्पताल, 16 निजी स्वास्थ्य केंद्र, 23 ग्रामीण और शहरी सत्र स्थल के अलावा दूसरे तरह के 36 स्थलों पर अभियान चला था। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध होते ही बिहार में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग अभियान के लिए प्रशिक्षित टीकाकारों की तलाश कर रहा है।
पीएमसीएच के सपरिडेंटेंड बिमल कारक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में शनिवार को चल रहे प्रशिक्षण सत्र में सहायता के लिए तीन मास्टर ट्रेनरों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। बता दें कि पीएमसीएच में 3500 से लेकर 400 तक स्वास्थ्य कर्मी हैं। यही वजह है कि पटना पीएमसीएच राज्य में सबसे बड़े सत्र साइटों में से एक है।
डॉ. बिमल करक ने कहा कि हम सुरक्षा गार्ड, नर्स, वार्ड अटेंडेंट और पैरामेडिक्स सहित अपने स्टाफ को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिसमें छह सदस्यीय टीकाकरण टीम शामिल होगी। स्टेट हेल्थ सोसाइटी कल कुछ और मास्टर ट्रेनरों को नियुक्त करके प्रशिक्षण में हमारी मदद करेगी। हमारे पास 10 टीमें होंगी। प्रत्येक टीम एक दिन में 100 लोगों का टीकाकरण करेगी।
साथ ही उन्होंने बताया कि टीकाकरण के बाद लाभार्थी को अवलोकन कक्ष कम से कम आधे घंटे तक रखा गया। उस कक्ष में कोविड एप्रोप्रियट बिहैवियर (कैब) की आईसी भी उपलब्ध थी। डॉ. सिंह ने कहा कि अकेले पटना में लगभग 44,000 स्वास्थ्य कर्मियों ने नामांकन किया है। हालांकि, वह यह नहीं बता सके कि उनमें से कितने डॉक्टर थे।