सृजन घोटाला: कई बड़े अफसर और नेताओं की पत्नी के नाम आए सामने
पटना। बिहार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताए जा रहे सृजन घोटाले की जांच में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस घोटाले के तार कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, नेता और उनकी पत्नियों तक से जुड़ते दिख रहे हैं। इस घोटाले की पड़ताल कर रही आर्थिक अपराध ईकाई ने भागलपुर में सृजन एनजीओ के स्थापना के समय से जितने भी 13 जिलाधिकारी तैनात हुए हैं सभी से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा 38 और अधिकारियों और 19 नाजिर भी शक के घेरे में लेते ही है पूछताछ की जा रही है। इन सरकारी कर्मियों पर घोटाले मे अहम भूमिका निभाने का शक है।
घोटाले के बारें में DM कैसे पता नहीं चला
मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि जांच कर रही टीम ने वर्तमान जिलाधिकारी टीके घोष से लेकर तब के जिला अधिकारी तितरमारे तक सभी पर शक की सुई घुम रही है। साथ ही नजारत, भू-अर्जन, कल्याण, डूडा, डीआरडीए और जिला परिषद के अधिकारियों से भी पुछताछ की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से चल रहे इस खेल को कैसे जिलाधिकारीयो ने नहीं जाना। अधिकारियों के द्वारा नजारत की एक-एक दस्तावेज को बहुत ही बारीकी से खंगाला गया तथा 57 करोड़ के घोटाले के कागजात की भी जांच की जा रही है। वहीं 2000 के तत्कालीन डीडीसी के द्वारा जिले के सभी बीडीओ को पत्र लिख सरकारी खजाने के पैसे को सृजन में जमा कराने का आदेश दिया था वह भी आदेश मिल गया है लेकिन अभी तक उसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है। डीडीसी के द्वारा लिखे गए इस पत्र की जानकारी उस वक्त के जिला अधिकारी को थी और दोनों की मर्जी से ऐसा हुआ था।
नेताओं की पत्नी का था इस घोटाले से सीधा संपर्क
बिहार के भागलपुर में हुऐ हजार करोड़ के सरकारी खजाने का घोटाले के आरोप में कई अधिकारियों के साथ साथ नेताओं की पत्नियों की भी संलिप्तता पाई गई हैं। जिसके बाद सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसमें भाजपा नेता विपिन शर्मा और रालोसपा के जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा की पत्नी को भी नामजद किया गया है। साथ ही नामजद प्राथमिकी शुभलक्ष्मी प्रसाद, पति-डॉ विनोदानंद प्रसाद (अध्यक्ष), रजनी प्रिया, पति-अमित कुमार (सचिव), सीमा देवी, पति-प्रणय कुमार, जसीमा खातून, पति-मो शकील अहमद, राज रानी वर्मा, पति-समर समरेंद्र, अर्पणा वर्मा, पति-अभिषेक कुमार, रूबी कुमारी, पति-विपिन शर्मा, रानी देवी, पति-रवि पासवान, सुनीता देवी, पति-बबलू हरिजन व सुना देवी, पति-जगदीश तांती सभी पर बिहार सहयोग समितियों के निबंधक, भागलपुर के जिलाधिकारी व सहकारिता विभाग के जिला सहकारिता पदाधिकारी के आदेश से मामला दर्ज किया गया है। वही कोर्ट के द्वारा सृजन की सेक्रेट्री प्रिया कुमारी, उनके पति अमित कुमार व तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन वर्तमान में जिला लोक शिकायत निवारण प्रभारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। जो सभी फरार चल रहे हैं।
सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड- मनोरमा देवी
इस पूरे घोटाले की सरगना या मास्टरमाइंड मनोरमा देवी नामक महिला हैं जिनका इस साल फरवरी में निधन हो गया। मनोरमा देवी की मौत के बाद उनकी बहू प्रिया और बेटा अमित कुमार इस घोटाले के सूत्रधार बने। प्रिया झारखण्ड कांग्रेस के वरिस्ठ नेता अनादि ब्रह्मा की बेटी हैं जो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के करीबी माने जाते हैं। मनोरमा देवी और उनकी संस्था सृजन को शुरू के दिनों में कई आईएएस अधिकारियों जिसमें - अमिताभ वर्मा, गोरेलाल यादव, के पी रामैया शामिल हैं, ने बढ़ाया। गोरेलाल यादव के समय एक अनुसंशा पर दिसंबर 2003 में सृजन के बैंक खाते में सरकारी पैसा जमा करने का आदेश दिया गया। रामैया ने 200 रुपये के महीने पर सबौर ब्लॉक में एक बड़ा जमीन का टुकड़ा सृजन को दिया। किसी जिला अधिकारी के कार्यकाल में अगर सर्वाधिक सृजन के खाते में पैसा गया तो वो था वीरेंद्र यादव जिसके 2014 से 2015 के बीच करीब 285 करोड़ सृजन के खाते में गया।
कई नेताओं से थे करीबी सम्बन्ध
मनोरमा देवी के कुछ राजनेताओं से करीबी सम्बन्ध रहे हैं जिनमें बीजेपी के अब निलंबित विपिन शर्मा, पूर्व सांसद शहनवाज हुसैन और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल हैं। इन लोगों की नजदीकी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये उनके ऑफिसियल कार्यक्रम के अलावा निजी कार्यक्रम में नियमित रूप से शामिल होते थे। पिछले साल नोटबन्दी के बाद सृजन के काम काज पर भी असर पड़ा। माना जा रहा है कि पैसा फंस जाने के कारण असल मुश्किलें शुरू हुईं और चेक बाउंस होने का सिलसिला शुरू हो गया। अमित, प्रिया, विपिन शर्मा इस पूरे घोटाले के वो राजदार हैं जिनकी गिरफ़्तारी और पूछताछ से पूरे मामले के हर पहलु से पर्दा उठने की उम्मीद हैं। अमित, प्रिया का अंतिम लोकेशन रांची में मिला था लेकिन उनके पिता अब किसी जानकारी से इंकार करते हैं।