ओडिशा: राज्य के स्कूली छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में मिलेगा कोटा, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
भुवनेश्वर। Quota for Odisha school student ओडिशा के स्थानीय छात्रों को नवीन पटनायक सरकार ने नए साल का तोहफा दिया है। अब से ओडिशा के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को मेडिकल और इंजनियरिंग कोर्स के लिए सीटें आरक्षित रहेंगी। सरकार का ये आदेश अगले अकेडमिक सेशन से लागू होगा। हालांकि, नई रिजर्वेशन कैटेगरी पर अंतिम फैसला हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की कमेटी लेगी।
तीन महीने में कमिटी सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
सोमवार को नवीन पटनायक कमेटी ने स्थानीय छात्रों के कोटे पर फैसला लिया था। अब इसको अंतिम रूप देने के लिए उक्त कमेटी के पास भेजा गया है। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को सबसे पहले BJD की 21 दिसंबर को हुई राज्य परिषद की बैठक में रखा गया था। इस बारे में संसदीय मामलों के मंत्री विक्रम केशरी अरुखा ने जानकारी दी। मंत्री के मुताबिक, कमिटी इस संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर सब्मिट करेगी। इसके बाद उनके द्वारा बताई गई सिफारिशों को आगामी अकेडमिट साल में लागू किया जा सकेगा।
क्यों लिया गया आरक्षण देने का फैसला?
इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए अरुखा ने बताया कि राज्य में अभी तक सरकारी और जूनियर कॉलेजों के कुछ ही मेधावी छात्रों को NEET और JEE जैसे केंद्रीकृत परीक्षाओं को पार करके इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिल रहा था। उन्होंने कहा, ' इसका मतलब ये नहीं है कि सरकारी स्कूलों में मेधावी छात्रों की कमी है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनके पास कोचिंग और अन्य सुविधाएं कम है। ऐसे में ये ओडिशा के बहुमत बच्चों के लिए अनुचित प्रतिस्पर्धा है। इस असंतुलन को ठीक करने और सरकारी स्कूलों के मेधावी छात्रों में आत्मविश्वास भरने करने के लिए, सरकार ने उन्हें आरक्षण देने का फैसला किया है।'
कोटा लेने वाले छात्रों के लिए शर्त
वहीं, प्रस्तावित कोटा पर सूत्रों का कहना है कि ये केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रों के लिए ही लागू होगा। कमेटी यह तय करेगी कि इस कोटे का लाभ लेने वाले बारहवीं कक्षा के एक स्टूडेंट को न्यूनतम कितने साल सरकारी स्कूल में पढ़ा हुआ होना चाहिए। ऐसा इसलिए ताकि प्राइवेट स्कूल के छात्र इस कोटे का अनुचित लाभ न ले सकें। ऐसी संभावना है कि वो सिर्फ ग्यारहवीं और बारहवीं में सरकारी स्कूल में दाखिला ले लें, ताकि उन्हें कोटे का लाभ मिल सके।' इसके अलावा कमिटी योग्य छात्रों के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिशत भी तय करेगी।