ओडिशा सरकार ढूंढ रही है कानूनी रास्ता, ताकि सभी प्राईवेट स्कूलों में भी लागू हो सके फीस माफी का आदेश
भुवनेश्वर। ओडिशा में स्कूलों की फीस माफी को लेकर जारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद यह मामला पेचीदा होता जा रहा है। कोविड-19 संकट के मद्देनजर हाई कोर्ट ने फीस माफी के संबंध में आदेश जारी किए थे। हालांकि, अब राज्य सरकार कोई अन्य कानूनी रास्ता ढूंढ रही है, जिसकी मदद से इस आदेश को पारित किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर की थी टिप्पणी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'राज्य सरकार की अधिसूचना ICSE और CBSE से संबद्ध गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू नहीं होगी जो MoU के हस्ताक्षरकर्ता नहीं थे।' कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद ओडिशा सरकार कानूनी राह की तलाश की जा रही है। इस विषय पर राज्य के स्कूल और सामूहिक शिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश ने कहा, 'हम सभी स्कूलों में लागू होने वाली शुल्क छूट अधिसूचना बनाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। यह निर्णय उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, कोविड -19 के कारण माता-पिता को वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए लिया गया था।'
हाई कोर्ट में फीस माफी के लिए उठी थी मांग
आपको बता दें कि राज्य में कोरोना संकट के दौरान पैरेंट्स ने स्कूलों की फीस माफी की मांग को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर, माता-पिता, स्कूलों और राज्य सरकार सहित हितधारकों ने अलग-अलग शुल्क स्लैब वाले निजी स्कूलों के लिए एक समझौता ज्ञापन और प्रस्तावित शुल्क माफी पर हस्ताक्षर किया। हालांकि, ओडिशा ICSE स्कूलों और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूलों के संगठन, ओडिशा (FPSO)) ने एक विशेष अवकाश याचिका (SLP) में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अभिभावकों की सरकार से अपील
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्य-स्तरीय अभिभावक संघ (ओडिशा अभिबक महासंघ (OAM)) ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। अभिभावकों ने सरकार से अपील की थी कि स्कूलों द्वारा इस अधिसूचना का पालन कराना सुनिश्चित करें।
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