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बीजेपी में परिवारवाद फार्मूले का नहीं दिख रहा असर, विधानसभा अध्यक्ष व विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर

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रीवा, 9 जून: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा भले ही परिवारवाद पर नसीहत दे गए हो लेकिन रीवा में इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष सहित विधायकों के परिजन पंचायत चुनाव में उतर चुके हैं।

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गिरीश गौतम के पुत्र और पुत्री मैदान में

गिरीश गौतम की प्रतिष्ठा पंचायत चुनाव में दांव पर है उनके पुत्र और पुत्री जनपद व जिला पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। पुत्री ऋचा उमरिया नईगढ़ी जनपद अध्यक्ष सम्मान महिला होने के बाद बीडीसी का चुनाव लड़ रही है उनके निर्विरोध निर्वाचन के लिए तमाम प्रयास शुरू हुई है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। कभी जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे बेटे राहुल गौतम एक बार फिर जिला पंचायत का चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि पिछले चुनाव में उन्हें करारी हार मिली थी। अब पिता विधानसभा अध्यक्ष हैं लिहाजा राहुल फिर से चुनावी रण में है। दिलचस्प बात यह है कि उन्हें टक्कर कहीं और से नहीं बल्कि घर से ही मिल रही है। गिरीश गौतम के सगे भतीजे पद्मेश गौतम उनके बेटे के खिलाफ कमर कसकर चुनावी रण क्षेत्र में कूद चुके हैं। इस चुनाव में गिरीश गौतम के रण कौशल को उनके भतीजे चुनौती दे पाते हैं या नहीं यह तो समय आने पर पता चलेगा लेकिन दो भाइयों की प्रतिद्वंद्वता ने चुनाव को रोचक बना दिया है।

विधायक नागेंद्र सिंह के भतीजे भी मैदान में

जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 12 से गुण विधायक नागेंद्र सिंह के भतीजे की अचानक एंट्री की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है। उनका राजनीतिक जीवन अस्तांचल की ओर है। ऐसे में उनके भतीजे राणावत सिंह का मैदान में आना कई सवालों को भी जन्म दे रहा है। इसी वार्ड से पूर्व विधायक स्वर्गीय विशंभर पांडेय के भाई सुभाष पांडेय भी ताल ठोक कर मैदान में आ गए हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष हरिशंकर शुक्ला भी अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। वहीं भाजपा के मंडल अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र द्विवेदी की जिपं सदस्य की दावेदारी कम नहीं आंकी जा रही है। माना यह जा रहा है कि इस वार्ड में रोचक नतीजे आने की संभावना है।

पन्नाबाई भी पंचायत की ओर

मनगवां विधानसभा विधायक पंचू लाल प्रजापति की धर्मपत्नी पन्नाबाई खुद भी विधायक रही हैं। इस बार उन्होंने पंचायत चुनाव की ओर रुख कर जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 24 से नामांकन दाखिल कर दिया है। विधायक पंचू लाल प्रजापति की पत्नी के चुनाव में उतरने के बाद चुनाव रोमांचक हो गया है। जिला पंचायत चुनाव में दिग्गजों की एंट्री के बाद कुछ सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है।

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English summary
The effect of familyism formula is not visible in BJP, the prestige of the Speaker and MLAs is at stake
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