टीचर की विदाई पर फूट-फूटकर रोये बच्चे, लिपटकर कहा- प्लीज गुरुजी, मत जाइये! शिक्षक भी भावुक हुए
छतरपुर, 5 सितंबर। जिले की राजनगर क्षेत्र के एक स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर रहा हैं। शिक्षक को अपने छात्रों से कितना लगाव होता है, इसका नजारा राजनगर क्षेत्र की इस शासकीय माध्यमिक स्कूल में देखने को मिला। विद्यालय में पदस्थ शिक्षक रामगोपाल का राजनगर के सीएम राइस स्कूल में ट्रांसफर हो गया। यह जानकारी जैसे ही छात्र-छात्राओं तक पहुंची वे मायूस हो गए। जब टीचर की विदाई का वक्त आया तो फूट-फूट कर रोने लगे। बच्चों को रोता देख शिक्षक रामगोपाल भी भावुक हो गए।
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सीएम राइस स्कूल में हुआ ट्रांसफर
शिक्षक रामगोपाल बिरौना शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 13 साल से पदस्थ थे। अब इनका ट्रांसफर राजनगर के सीएम राइस स्कूल में कर दिया गया है।
अगर बच्चे बीमार हो जाते तो घर पहुंच आते थे
स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षक रामगोपाल सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। अगर हमारा बच्चा बीमार हो जाता था तो वे घर पर हाल-चाल जानने आ जाते थे। कई बार तो बच्चों को अपनी बाइक से घर छोड़ने भी आते थे। कोविड-19 में जब स्कूल बंद हो गए थे तो वे बच्चों की पढ़ाई को लेकर परिजनों के संपर्क में थे।
बच्चों की यादें दिल में लेकर जा रहा हूं
शिक्षक रामगोपाल ने बताया कि विदाई को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। बहुत सारी यादें स्कूल से लेकर जा रहा हूं। मेरा आशीर्वाद इन सभी बच्चों के साथ है। वे भविष्य में अच्छे बनें। जब बच्चे रोने लगे तो इन बच्चों की यादें अपने दिल में लेकर जा रहा हूं।
भावुक कर देने वाला वीडियो हो रहा वायरल
टीचर रामगोपाल की विद्यालय से विदाई के वक्त बच्चों के उनसे लिपटकर रोते हुए वीडियो इंटरनेट पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। ये वीडियो राजनगर तहसील के शासकीय माध्यमिक शाला ग्राम बिरौना का है और जिस शिक्षक से लिपटकर बच्चे न जाने की गुहार लगाते हुए वीडियो में दिख रहे हैं उन शिक्षक का नाम रामगोपाल है। जो स्कूल के बच्चों को अपने बच्चों की तरह प्यार करते थे और यही वजह है कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो बच्चे इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाए और रो पड़े।
शिक्षक भी भावुक हो गए उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े
शासकीय
स्कूल
के
बच्चों
को
जब
यह
पता
चला
तो
वह
फूट-फूट
कर
रोने
लगे,
नन्हे
बच्चे
उन्हें
रोक
रहे
थे
लेकिन
तबादला
के
फैसले
के
बाद
उन्हें
जाना
पड़ा।
शिक्षक
जब
स्कूल
से
विदाई
ले
रहे
थे
तो
बच्चे
उनसे
लिपटकर
फूट-फूटकर
रोने
लगे
जिससे
शिक्षक
भी
भावुक
हो
गए
और
उनकी
आंखों
से
भी
आंसू
छलक
पड़े।
ग्राम के ब्रद्ध मुन्नीलाल का कहना
उनकी उम्र 70 वर्ष हो गई है और उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसा शिक्षक आज तक नहीं देखा, वह कहते हैं रामगोपाल जी बेहद आदर्शवादी शिक्षक हैं,और कोविड-19 महामारी तक में रामगोपाल जी ने 2-4 फूट दूरी पर बिठाल कर बच्चो को पढ़ाया है, लेकिन शासन के नियम की वजह से उन्हें यहां से जाना पडा बरना हम लोग कभी न उन्हें जाने देते।
गांव की महिला मेवा ने हमे बताया
की अगर बच्चो को बुखार भी चढ़ जाए तो हम लोगो से पहले रामगोपाल जी उसे डॉक्टर के पास दिखवा लाते थे साथ ही रामप्यारी जी का कहना है की बच्चे सर की विदाई करके जब स्कूल से घर आय तो बेहद रोय और तबियत तक खराब कर ली बच्चों से झूठ बोला की उनके सर वापस गांव आ जाएंगे तब जाकर उनने खाना खाया बरना उनका रो-रो कर बुरा हाल था।
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