भोपाल: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द, राज्य चुनाव आयोग ने लिया फैसला
मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने 6 जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनावों को रद्द कर दिया है।
भोपाल, 28 दिसंबर। मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने 6 जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनावों को रद्द कर दिया है। राज्य चुनाव आयोग सचिव बीएस जमोद ने इस बात की जानकारी दी। राज्य सरकार द्वारा अपने स्वयं के अध्यादेश (मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश) को वापस लेने के मद्देनजर कानूनी राय लेने के बाद चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया। चुनाव प्रक्रिया निरस्त होने के बाद अब उम्मीदवार अपनी निक्षेप राशि वापस ले सकेंगे। उधर, निर्वाचन से जुड़ी अन्य सभी प्रक्रियाओं को आयोग ने रोक दिया है।
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा 2019 में पिछली सरकार द्वारा निर्धारित परिसीमन और आरक्षण रोटेशन की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए लाए गए अध्यादेश को वापस लेने के दो दिन बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया। अध्यादेश को वापस लेने के कैबिनेट के फैसले ने राज्य में पंचायत चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने का मार्ग प्रशस्त किया।
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बता दें कि शिवराज सिंह सरकार 2019 में पिछली कांग्रेस नीत सरकार द्वारा निर्धारित परिसीमन और आरक्षण रोटेशन की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए पिछले महीने अध्यादेश लाई थी। मध्य प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि इस अध्यादेश के आधार पर पंचायत चुनाव प्रक्रिया 2014 के परिसीमन और आरक्षण रोटेशन के अनुसार शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल से इस अध्यादेश को वापस लेने का अनुरोध करने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि राज्य में ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना कोई भी पंचायत चुनाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि समाज के हर वर्ग को न्याय मिले। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और इन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित किया था।