शपथ के एक दिन बाद ही महापौर मालती राय को मिला 15 साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में नोटिस
नवनिर्वाचित महापौर मालती राय के शपथ के एक दिन बाद ही उनको 15 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त ने नोटिस थमा दिया।
भोपाल,10 अगस्त। राजधानी की नवनिर्वाचित महापौर मालती राय के शपथ के एक दिन बाद ही उनको भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त ने नोटिस थमा दिया। दरअसल 15 साल पहले एमपी नगर में सीमेंट कंक्रीट सड़कों के निर्माण में भाजपा के तत्कालीन उन 39 पार्षदों को कांट्रेक्टर को 85 लाख रुपए का अधिक भुगतान करने के मामले में दोषी पाया गया था। बता दे उसी परिषद में मालती राय भी उसमें पार्षद थी। इन नोटिस पर 26 जुलाई की तारीख दर्ज है, लेकिन महापौर मालती राय को ये नोटिस उनकी शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी 7 अगस्त को प्राप्त हुआ है। नवनिर्वाचित महापौर को भ्रष्टाचार मामले में नोटिस मिलने के बाद अब भोपाल में सियासत तेज हो गई है।
तत्कालीन लोकायुक्त रिपुसूदन दयाल ने इन पार्षदों को अयोग्य घोषित करने और 85 लाख रुपए की वसूली करने की सिफारिश के साथ यह मामला संभाग आयुक्त को भेजा था। तब से कई संभागायुक्त बदल गए, लेकिन मामला नहीं सुलझ पाया। उस परिषद के कार्यकाल को समाप्त हुए करीब 15 साल से ज्यादा समय हो गया हैं, लेकिन किसी भी संभागायुक्त ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं सुनाया।
कम रेट का ऑफर ठुकरा कर दिया था ज्यादा रेट की कंपनी को वर्क आर्डर
2005 में एमपी नगर जोन 2 में सीसी रोड का निर्माण होना था। जिसकी लागत 5 करोड़ 45 लाख ₹70 हजार थी। एक कंपनी ने एसओआर से 7.2 फीसदी कम रेट पर ऑफर दिया। 2 मार्च 2005 को नगर निगम परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया। भाजपा पार्षदों के विरोध के चलते इस टेंडर को रद्द कर दिया गया, लेकिन बाद में उसी कंपनी ने SOR से 8.38% अधिक का ऑफर दिया और उसे परिषद की 10 मई 2005 की बैठक में मंजूरी दे दी गई। यही वजह थी कि नगर निगम को ₹85 लाख का अधिक भुगतान करना पड़ा।
इस मामले की शिकायत तत्कालीन कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने लोकायुक्त से की थी। जिसके बाद पार्षदों का पक्ष भी सुना गया और 30 मार्च 2007 को उन्होंने अपनी रिपोर्ट संभाग आयुक्त को भेज दी थी।