मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट के साथ कहलाएगा लेपर्ड स्टेट, सीएम शिवराज सिंह चौहान का प्रयास हुआ सफल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास से मध्यप्रदेश वन्यजीव प्रबंधन में बनाएगा इतिहास। अब मध्य प्रदेश बाघ प्रदेश के अलावा भारत का चीता प्रदेश भी कहलाएगा। दरअसल 12 चीतों की एक खेप एमपी के ग्वालियर जिले में आएगी।
भोपाल, 24 जुलाई। टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश अब भारत का चीता प्रदेश भी कहलाएगा। वनइंडिया को मिली जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नामीबिया से 12 चीतों की एक खेप एमपी के ग्वालियर जिले में आएगी और उन्हें पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ जाएगा। बता दे भारत में चीतों को बसाने के लिए श्योपुर जिले में पालपुर कूनो का चुनाव 2009 में कर लिया गया था। इसे चीतों के रहवास के लिए तैयार करने और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हर कदम पर विशेष पहल कर मुख्य भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री के उत्साहपूर्वक किए गए प्रयासों को केंद्र सरकार ने पूरा सहयोग दिया।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान घोषित
सीएम ने विशेष पहल कर कुनो को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया । मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है। यह लगभग 900 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। 1981 में इस वन्यजीव अभ्यारण्य के लिए 344.68 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र निश्चित किया गया था। बाद में क्षेत्र में वृद्धि की गयी। यहां मुख्य रूप से भेड़िया, बन्दर, तेंदुआ तथा नीलगाय हैं।
एशियाई चीतों को फिर से अपना परिवार बढ़ाने का अवसर
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में विलुप्त हो चुके एशियाई चीते को फिर से अपना परिवार बढ़ाने का अवसर देने में मध्यप्रदेश ने जो पहल की है उसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।
जब भारत में चीते बड़ी संख्या में रहा करते थे। उन्हें पालतू बनाने और उनके जरिए शिकार का शगल राजाओं और नवाबों को था। अंग्रेजों को उनका शिकार करने का शगल था। इसके चलते लगभग 70 साल पहले वे विलुप्त हो गए। एशियाई चीतों की पूरी प्रजाति ही अपने अंतिम दौर में है। गिनती के एशियाई चीते ईरान में बचे हैं।
मध्यप्रदेश नया इतिहास रचने जा रहा : CM
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि देश और विश्व के वन्यजीव प्रबंधन में मध्यप्रदेश नया इतिहास रचने जा रहा है। सीएम का मानना है कि एक देश से दूसरे देश में चीतों को बसाने की यह एक ऐतिहासिक घटना होगी। विश्व के सभी देशों के पर्यावरण प्रेमियों, वन्य जीव विशेषज्ञों की उत्सुकता बनी हुई है। मध्य प्रदेश के वन्य जीव प्रबंधन एवं संरक्षण के इतिहास में भी यह अभूतपूर्व घटना होगी। मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए भी यह गौरव का क्षण होगा।
आदर्श इको टूरिज़्म
एमपी इको टूरिज्म की दृष्टि से एक आदर्श प्रदेश के रूप में उभरेगा। इसका एक कारण यह है कि कूनो-पालपुर, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है। पार्क में औसतन 5 लाख पर्यटक हर साल आते हैं पालपुर कूनो में चीता आने से वे स्वाभाविक रूप से पालपुर कूनो भी आएंगे।
कूनाे पालपुर नेशनल पार्क के प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त को चीता का स्वागत करने के लिए सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं।