मध्य प्रदेश : महिला घरेलू हिंसा पर कार्रवाई के लिए बनेगा सख्त कानून
भोपाल। मध्य प्रदेश में घरेलू हिंसा के दौरान महिलाओं के हाथ काटे जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आक्रोश जताते हुए कहा कि इसके तहत अभी दी जाने वाली सजा के प्रविधान सख्त नहीं हैं। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इनके लिए और अधिक सख्त कानून बनाए जाने जाएंगे।
शुक्रवार को मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिए हैं कि आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की व्यवस्था की जाए। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई की जाए। ऐसे अपराधों में सजा के वर्तमान प्रावधानों को अधिक सख्त किया जाए। पिछले 15 दिन में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने मुझे झकझोर दिया है। तीन बहनों के हाथ पतियों ने काटे हैं। घरेलू हिंसा के ऐसे मामले बेहद गंभीर हैं। आज भी बहनें कहां स्वतंत्र हैं। इन मामलों को गंभीरता से लिया है।
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उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गृह विभाग ने कानून में कड़े प्रविधानों की तैयारी शुरू कर दी है। 'यह विश्वास का खून है' मुख्यमंत्री ने इस मामले में ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, यह साधारण नहीं भयंकर अपराध है। मैं चाहता हूं घरेलू हिंसा के खिलाफ जनजागरण अभियान चले और नया कानून बने। इसमें ऐसे अपराधियों के लिए ऐसा कठोरतम दंड हो, जिससे ये सिहर जाएं और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। कोई और हमला करे तो अपराध है, लेकिन पति ऐसा करे तो यह विश्वास का खून है। सात फेरे लिए हैं। जनम-जनम का साथ निभाने की कसमें खाई हैं। यह केवल प्राणघातक हमला नहीं है। साधारण अपराधों की तरह का मामला नहीं है। यह व्यवहार मध्ययुगीन बर्बरता की तरह है।
ये हैं मामले
प्रदेश में 15 दिन में घरेलू हिंसा की तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें पति ने पत्नी के हाथ या पैर काट दिए हैं। नौ मार्च को भोपाल में पति ने पत्नी के हाथ और पैर काट दिए थे। दूसरी घटना सागर की है, जहां पति ने पत्नी के दोनों हाथ कुल्हाड़ी से काट दिए थे। तीसरी घटना 25 मार्च को बैतूल में हुई। यहां पति ने पत्नी के हाथ काट दिए थे।