बैतूल के तेंदुए शावक की भोपाल वन विहार में मौत, दो पेड़ों के बीच फंसे होने के कारण टूट गई थी रीढ़ की हड्डी
वन विहार नेशनल पार्क में बैतूल से लाए गए नर तेंदुए शावक की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। शावक अभी 16 महीने का था। दो पेड़ों के बीच फंसे होने के कारण हड्डी टूट गई थी।
भोपाल,6 सितंबर। वन विहार नेशनल पार्क में बैतूल से लाए गए नर तेंदुए शावक की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। शावक अभी 16 महीने का था। दो पेड़ों के बीच फंसे होने के कारण हड्डी टूट गई थी। पार्क प्रबंधन ने शावक के शव का अंतिम संस्कार वन्य प्राणी विशेषज्ञ और डॉक्टर की मौजूदगी में कर दिया। बता दे एक्सरे से पता चला था कि उसकी रीड की हड्डी टूट गई थी और उसका पिछला हिस्सा लकवा ग्रस्त हो चुका था। भोपाल वन विहार के डॉक्टरों की टीम और विशेषज्ञों नर तेंदूए को बचाने में लगातार जुटे रहे, लेकिन बचा नहीं सके।
दो पेड़ों के बीच फंस गया था तेंदुआ
मध्य प्रदेश के बैतूल में आगस्त माह के अंत में एक तेंदुआ जंगल में दो पेड़ों के बीच फंस गया था। जिसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम ने सुरक्षित निकाला और उसे वन विहार भोपाल भेजा दिया था बता दे ये तेंदुआ बैतूल के दक्षिण वन मंडल के अंतर्गत आने वाली आमला परिक्षेत्र के दो पेड़ों के बीच फंस गया था। जिसके बाद सतपुड़ा रिजर्व वन विभाग की टीम ने तेंदुआ का रेस्क्यू किया।
बता दे बुधवार सुबह जंगल में चौकीदारी कर रहे वन कर्मियों ने उसे फंसी हुई अवस्था में देखा था कर्मचारी ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुआ को बेहोश करने के बाद सुरक्षित पेड़ों के बीच से निकाला था।
3 दिन पहले ही विशेषज्ञों ने की थी जांच
बता दें कि बैतूल से भोपाल वन विहार लाए गए तेंदुए शावक को साधारण चोटे नहीं थी,बल्कि उसके रीढ़ की हड्डी टूटी हुई थी। और रीढ़ की हड्डी का जोड़ पाना असंभव जैसा था। वन्य प्राणी विशेषज्ञ और डॉक्टरों का दल उसे बचाने में जुटा हुआ था, लेकिन उनका प्रयास असफल रहा। और सोमवार की रात में तेंदुए की मौत हो गई। डीएफओ ने बताया कि यह रीढ़ की हड्डी टूटने का पहला मामला था। संभावना थी कि बंदर का शिकार करते हुए ये शवक पेड़ से नीचे गिरा। जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।
तेंदुए का किया अंतिम संस्कार
पार्क प्रबंधन और भोपाल वन विहार की टीम ने विशेषज्ञों के सामने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ तेंदुए का अंतिम संस्कार किया। सभी ने नम आंखों से डेढ़ साल के इस तेंदुए को दुखी मन से विदाई दी। घर छावा कोई कट 30 अगस्त की रात में बन बिहार लाया गया था। शावक बेहोशी की हालत में था। उसे बेहोश करके ही आगे की जांच की जा रही थी। पहले से उसकी हालत काफी नाजुक थी, लेकिन इलाज के दौरान उसमें कोई सुधार नहीं हुआ।
बाघ शावक की हालत में सुधार
पाक के डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार राय ने बताया कि पार्क में भाग भी रेस्क्यू करके लाया गया था जिसकी हालत नाजुक थी उसकी कुलेबा पैर में फ्रैक्चर था गुदाद्वार बाहर निकल गया था बीते हफ्ते उसका ऑपरेशन किया गया इसके बाद उसकी हालत में लगातार सुधार आ रहा है। ने बताया कि शायद ठीक से भोजन ले रहा है और शरीर में हलचल भी पहले से बढ़ गई है बता दें कि इस चावल को छिंदवाड़ा सामान्य वन मंडल के जंगल से पकड़ा गया था यह कुएं में गिरने के कारण जख्मी हुआ था।
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