MP Tourism के बार में जनवरी से मिलेगी हैरिटेज शराब, अलीराजपुर में फैक्ट्री लगाकर शराब बनाने का काम किया शुरू
एमपी में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले शिवराज सरकार आदिवासियों को खुश करने के लिए एक और बड़ा काम करने जा रही है। दरअसल मध्यप्रदेश में आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली शराब अब जनवरी 2023 से प्रदेश के एमपी टूरिज्म बार पर उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए आबकारी विभाग ने अलीराजपुर में फैक्ट्री लगाकर वहां शराब बनाने का काम शुरू कर दिया है जिसकी टेस्टिंग की जा रही है महुआ के फूल से बनने वाली शराब को तैयार कराकर सरकार आदिवासियों को रोजगार और उनकी परंपरा से जोड़ने का काम करेगी।

उधर डिंडोरी और खंडवा में अभी शुरुआती दौर का ही काम चल रहा है। वाणिज्य कर विभाग द्वारा आदिवासियों के समूह के जरिए तैयार कराई जा रही। शराब की मॉनिटरिंग आबकारी अधिकारियों द्वारा की जा रही है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी घोषणा पर अमल के बाद सरकार उसकी ब्रांडिंग भी करेगी। सूत्रों का कहना है कि पहले इस शराब को शराब की दुकानों के जरिए बनवाने की तैयारी थी लेकिन अब एमपी टूरिज्म के बाहर के जरिए शराब की बिक्री की जाएगी और इसमें आदिवासियों को मुनाफा दिया जाएगा।0 आदिवासियों को इस व्यवस्था के माध्यम से एक मार्केट भी मिल जाएगा। इसके अलावा समूह के जरिए तय मात्रा में शराब की बिक्री की जा सकेगी। ये देशी शराब देश में एकलौता ऐसा ब्रांड होगा जो महुआ के फूल से बन रहा है।
एक फैक्टरी पर ₹60 लाख हो चुके हैं खर्च
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गए इस काम में एक शराब फैक्ट्री तैयार करने और अन्य कार्यों पर सरकार अब तक ₹60 खर्च कर चुकी है। लंबी जद्दोजहद के बाद अलीराजपुर के आबकारी अधिकारियों की देखरेख में फैक्ट्री में शराब बनाना शुरू हो गई है और इसकी टेस्टिंग की जा रही है इसके बाद 15 दिसंबर के उपरांत इसकी लॉन्चिंग की तारीख तय की जाएगी। अफसरों के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो, आदिवासी समूह द्वारा बनाई गई ये शराब जनवरी 2023 से मार्केट में आएगी।