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MP Cabinet Meeting : बिजली कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का अनुदान, किसानों को भी राहत

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भोपाल, 16 जून। प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई 37.26 लाख टन धान की मिलिंग कराने में आ रही समस्या का रास्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट ने निकाल लिया। सीमावर्ती राज्यों के मिलर से भी मिलिंग कराई जाएगी। वहीं, प्रदेश के मिलर को 50 से लेकर दो सौ रुपये तक प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि शर्तों के साथ दी जाएगी।

Grant of more than 20 thousand crore rupees to power companies in Madhya Pradesh, relief to farmers also

इस निर्णय के आधार पर ही अब मिलिंग का काम कराया जाएगा। वहीं, धान के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए तय किया गया कि मिलिंग को बढ़ावा देने और एथेनॉल से जुड़े उद्योगों के लिए नीति भी बनाई जाएगी। बिजली कंपनियों को घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को दरों में छूट देने के लिए सरकार द्वारा अनुदान देने का निर्णय लिया गया।

बैठक में धान की मिलिंग के मुद्दे पर खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने प्रस्तुतीकरण किया। इसमें प्रदेश में लगातार बढ़ रही धान की खेती और उत्पादन को देखते हुए मौजूदा मिलिंग की क्षमता, अन्य राज्यों के प्रविधान और विभिन्न् विकल्पों के बारे में बताया गया। साथ ही कहा कि मिलिंग की गति बेहद धीमी होने की वजह से अन्य राज्यों के मिलर को भी आमंत्रित किया था पर उन्होंने स्र्चि नहीं दिखाई। इसके मद्देजनर प्रदेश के मिल संचालकों से दोबारा मिलिंग के लिए दरें बुलाई थी, जो औसत 246 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त हुई।

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इस स्थिति को देखते हुए प्रोत्साहन राशि 50 रुपये के अतिरिक्त 50 से लेकर दो सौ रुपये प्रति क्विंटल देने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे बैठक में मंजूरी दी गई। यह व्यवस्था सिर्फ खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान की मिलिंग के लिए लागू रहेगी। यदि समयसीमा में इसके बाद भी मिलिंग नहीं हो पाती है तो फिर बची हुई धान को लेकर कैबिनेट में अलग से निर्णय किया जाएगा। गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि धान से एथेनॉल बनाने और मिलिंग की क्षमता बढ़ाने को लेकर नीति बनाने के निर्देश लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम विभाग को दिए हैं।

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बैठक में तय किया गया कि घरेलू और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय दर से कम पर बिजली देने के एवज में बिजली कंपनियों को वर्ष 2020-21 के लिए 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुदान दिया जाएगा। इंदिरा गृह ज्योति योजना के उपभोक्ताओं के लिए चार हजार 945 करोड़, दस हार्सपावर तक और अधिक क्षमता कृषि पंप उपयोगकर्ता कृषकों के लिए नौ हजार 773 करोड़, एक हेक्टेयर तक भूमि वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के पांच हार्सपावर तक कृषि पंप उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को निश्ाुल्क बिजली देने के लिए चार हजार 323 करोड़ रुपये का अनुदान कंपनियों को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य मदों में भी अनुदान दिया जाएगा।

धान मिलिंग में यह रहेंगे विकल्प

- पूरा चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करने पर प्रति क्विंटल 50 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

- 80 फीसद चावल नागरिक आपूर्ति निगम और 20 फीसद भारतीय खाद्य निगम को देने पर प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त पचास रुपये प्रति क्विंटल अपग्रेडेशन राशि मिलेगी।

- 40 प्रतिशत चावल नागरिक आपूर्ति निगम और 60 प्रतिशत भारतीय खाद्य निगम को देने पर प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त 150 रुपये प्रति क्विंटल अपग्रेडेशन राशि मिलेगी।

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- पूरा चावल भारतीय खाद्य निगम को देने पर प्रोत्साहन राशि के अलावा दो सौ रुपये अपग्रेडेशन राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री करेंगे मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक

- आगामी सोमवार को होगा मंत्री समूहों की बैठकों के निष्कर्षों का प्रस्तुतीकरण

- कैबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को किया संबोधित

मुख्यमंत्री गुरुवार से मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक का सिलसिला शुरू करेंगे। इसमें वे विभागीय गतिविधियों के साथ मंत्रियों से अन्य मुद्दों पर बात करेंगे। वहींं, आगामी सोमवार को मंत्री समूहों की बैठकों के निष्कर्षों का प्रस्तुतीकरण होगा।

कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राथमिकता के सभी विषयों पर मंत्री समूहों का गठन किया गया है। हमें बिना समय गंवाए तत्काल कार्य आरंभ करना है। सभी मंत्री समूह इस सप्ताह में अपनी बैठक करके आगामी कार्ययोजना तय कर लें। इनका प्रस्तुतीकरण सोमवार को होगा।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मंत्रियों से अलग-अलग चर्चा करेंगे। इसमें आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के क्रियान्वयन की कार्ययोजना से लेकर अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने और क्षेत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा की शुरुआत की थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस पर विराम लग गया था। मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि यह सिलसिला फिर प्रारंभ हो सकता है।

कैबिनेट के अन्य फैसले

- छह लाख नौ हजार शहरी पथ विक्रेताओं को एक-एक हजार रुपये का अनुदान देने के निर्णय को मंजूरी।

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English summary
Grant of more than 20 thousand crore rupees to power companies in Madhya Pradesh, relief to farmers also
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