कॉमनवेल्थ गेम्स में भोपाल SAI के खिलाडियों का जलवा, तूलिका मान ने जीता सिल्वर मेडल,जबकि लिस्ट में नहीं था नाम
भोपाल SAI के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता है। तूलिका मान ने 78 KG केटेगरी में सिलवर और विजय यादव ने 60 किलो कैटेगरी में कांस्य पदक जीता है।
भोपाल, 4 अगस्त। राजधानी की स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के दो खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया। दोनों जूडो खिलाड़ियों ने भारत के लिए मेडल जीते है। इंग्लैंड के बर्मिंघम में बुधवार को तूलिका ने सिल्वर मेडल जीता इससे पहले 1 अगस्त को विजय यादव ने जूडो में कांस्य पदक अपने नाम किया था। तूलिका मान ने 78 किलो कैटेगरी में लगातार क्वार्टर फाइनल और सेमी फाइनल जीता, लेकिन फाइनल में विश्व की नंबर वन खिलाड़ी स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगठन से वे हार गई। तूलिका ने कहा मुझे सिल्वर से संतुष्ट नहीं होना है, आगे गलतियों में सुधार करूंगी और मजबूती से वापसी करूंगी।
कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तूलिका का नाम नहीं था
आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि जिस खिलाड़ी ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता उसका कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए लिस्ट में नाम ही नहीं था। SAI में तुलिका के कोच यशपाल सोलंकी ने बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए जिन खिलाड़ियों की लिस्ट बनाई गई थी, उसमें तूलिका मान का नाम नहीं था। हमने उसके लिए लड़ाई लड़ी इसके बाद फिर साईं की सिलेक्शन कमिटी ने उसका नाम IOA को भेजा, तब जाकर तूलिका कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने जा पाई। तूलिका ने सिल्वर मेडल जीतकर हमारी मेहनत को सफल बना दिया है।
सिल्वर खिलाड़ी मान के पिता की गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
भारतीय जूडो खिलाड़ी तूलिका मान ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कमाल कर दिया। तूलिका 78 किग्रा वेट कैटेगिरी जूडो में भारत का तीसरा मेडल भी जीतकर दिया है। तूलिका ने गोल्ड की उम्मीद भी थी,लेकिन फाइनल में विश्व की नंबर वन खिलाड़ी स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगठन से वे हार गई। मान ने न्यूजीलैंड की सिडनी एंड्रयूज को हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। उन्होंने 1 मिनट 53 सेकेंड में मुकाबला अपने नाम किया था। तूलिका के लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनका असली संघर्ष तो पिता की हत्या के बाद शुरू हुआ था। दरअसल जब तूलिका 14 साल की थीं तो उनके पिता सतबीर मान की बिजनेस रंजिश के चलते हत्या कर दी गई थी।
पिता के जाने के बाद तूलिका की देखरेख उनकी मां ने की, जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं। तूलिका पहले पिता की मौत के सदमे से बाहर निकली और करियर पर ध्यान दिया।हालांकि साल 2018 में उनका इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना मुश्किल हो गया था। दरअसल तूलिका को TOP स्कीम से बाहर भी कर दिया गया था। तुलिका 4 बार की नेशनल चैंपियन है।
भोपाल के SAI में प्रशिक्षण ले रहे विजय यादव ने भी जीता मेडल
कांस्य पदक जीतने वाले विजय यादव के कोच यशपाल सोलंकी ने बताया कि विजय पिछले 12 सालों से जूडो सीख रहे हैं। वे भोपाल स्थित SAI में लगातार प्रशिक्षण ले रहे थे। विजय यादव ने भी 1 अगस्त को भारत को जूडो में मेडल दिलाया था। कोच यशपाल सोलंकी ने बताया कि वे विजय यादव के कांस्य पदक से संतुष्ट हैं और ना भी। मैच खत्म होने के कुछ देर बाद विजय ने उन्हें कॉल किया और रोने लगे इस पर मैंने भी आंसू नहीं रोक पाया क्योंकि हम गोल्ड की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया इसके बाद हम कॉमनवेल्थ गेम्स की बातें छोड़कर अगले टारगेट एशियन गेम्स के बारे में बात करने लगे।
कौन है विजय यादव
बनारस से 22 किमी दूर, महरिया गांव के रहने वाले विजय कुमार यादव ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के जूडो में 60kg वर्ग मे ब्रॉन्ज मेडल जीता।एक सामान्य दिनचर्या में जितनी प्रैक्टिस खिलाड़ी कर सकता है, विजय उससे दो से तीन घंटे अधिक समय तक प्रैक्टिस करते है। इतना ही नहीं इनाम की राशि का इस्तेमाल भी वे अपनी प्रैक्टिस पर खर्च करते है। जो आर्थिक मदद सरकार से मिली, उसी से विजय ने जापान, स्पेन, क्रोएशिया, बुडापेस्ट में जाकर प्रशिक्षण लिया।