15 दिन में भोपाल की जर्जर सड़कें होंगी चकाचक, कलेक्टर ने दिए सख्त आदेश
भोपाल कलेक्टर में बारिश से पहले जर्जर सड़कों को ठीक करने के आदेश दिए। बनने के बाद अगर सड़क जर्जर हुई तो जिम्मेदार अधिकारी होंगे सस्पेंड।
भोपाल, 20 मई। राजधानी में सड़कों के निर्माण और पेंचवर्क का कार्य 15 दिवस में पूरा कराया जाएं। इस कार्य में किसी भी प्रकार से लेट लतीफी नहीं होनी चाहिए। उक्ताशय के निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बैठक में नगर निगम, जिला पंचायत और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को दिए। कलेक्ट्रेट सभागृह में संपन्न बैठक में भोपाल नगर निगम के कमिश्नर के.व्ही.एस चौधरी कोलसानी और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर लवानिया ने कहा कि नगरीय सीमा में जितने भी सड़क निर्माण के कार्य चल रहे है या फिर टेण्डर हो चुके हैं इन सभी कार्यों को आने वाले 15 दिवस में पूर्ण करें और सड़क निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएं। सड़कों के निर्माण में कहीं से भी शिकायत नहीं आना चाहिए। गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिये भी अलग से समिति बनाई जायेगी।
नगर निगम आयुक्त से कहा कि नगरीय क्षेत्र की सभी सड़के वर्षा के पहले चाक-चौबंद कर ले और जल भराव वाले क्षेत्रों को चिहांकित कर सड़क निर्माण हो इसके साथ ही पानी की निकासी के लिये सड़कों के किनारे नालियां भी बनाई जाएं।
कलेक्टर की अफसरों को हिदायत, बोले सड़कें जर्जर हुईं तो सस्पेंड होंगे, कैचमेंट एरिया में उड़ेंगे ड्रोन
राजधानी भोपाल में बारिश के दौरान बड़ा तालाब, केरवा और भदभदा डैम के कैचमेंट एरिया में ड्रोन से नजर रखी जाएगी। यह पहली बार होगा और ड्रोन कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहेंगे। जब डैम ओवरफ्लो हो जाएंगे, तब ड्रोन खतरा टालने का काम करेंगे। यह फैसला शुक्रवार को हुई बाढ़ और आपदा राहत मैनेजमेंट की मीटिंग में लिया गया।
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अफसरों को हिदायत दी कि बारिश में सड़कें ठीक रखें और यदि जर्जर हुई तो जिम्मेदार सस्पेंड होंगे।
बारिश के दौरान हर साल शहर में कुछ जगह जलभराव की स्थिति बनती है। कोलार, शिव नगर, करोंद, ऐशबाग, पुष्पानगर, अशोका गार्डन, गौतमनगर, छोला समेत कई इलाकों में कई फीट पानी भर जाता है। इस मुद्दे पर भी मीटिंग में चर्चा की गई। कलेक्टर ने नगर निगम के अफसरों से व्यवस्था में सुधार करने को कहा। बारिश से पहले नालों की सफाई पर विशेष जोर दिया गया। निगम कमिश्नर श्री के.व्ही.एस चौधरी कोलसानी ने नगर निगम की तैयारियों के बारे में बताया। होमगार्ड, पुलिस समेत अन्य जिम्मेदार अफसर भी मौजूद रहे। बाढ़ से बचाव से संबंधित उपकरणों की सूची भी सामने रखी गई। बैठक में निर्णय लिया कि डैम ओवरफ्लो होते हैं तो पानी धीरे-धीरे छोड़ा जाएगा।
इमरजेंसी में काम आएंगे ड्रोन, कई कि.मी. एरिया कवर होगा
ड्रोन का उपयोग इमरजेंसी के दौरान किया जाएगा इनसे कई किमी एरिया कवर होगा। कैचमेंट एरिया के साथ जलभराव वाले इलाकों पर भी ड्रोन से निगरानी की जाएगी जिससे बड़े तालाब और अन्य जगहों पर पानी की आवक पर ध्यान रखा जाएगा। पड़ोस के जिलों से भी लगातार संपर्क रखने के लिए कंट्रोल रूम बनेंगे जिससे आस-पास के जिलों में वर्षा होने पर जिले में पानी बढ़ने की स्थिति को पहले ही आंकलित कर व्यवस्था की जा सके।
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