रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद अब भोपाल रेलवे स्टेशन पर भी बनेगा एयर कानकोर, पैसेंजर को मिलेगी सुविधा
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल देश का पहला ऐसा शेरों का जूस के दो रेलवे स्टेशन पर सर्व सुविधा युक्त एयर काम कानकोर होंगे। अभी एक एयर कानकोर रानी कमलापति स्टेशन पर है।दूसरा भोपाल स्टेशन पर बनने जा रहा है।
भोपाल, 29 सितंबर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल देश का पहला ऐसा शेरों का जूस के दो रेलवे स्टेशन पर सर्व सुविधा युक्त एयर काम कानकोर होंगे। अभी एक एयर कानकोर रानी कमलापति स्टेशन पर है, जिसे हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। बता दे इसके अलावा देश के किसी भी रेलवे स्टेशन पर इस तरह की सुविधा नहीं है। दूसरा भोपाल स्टेशन पर बनने जा रहा है। रेलवे ने इस पर काम शुरू कर दिया है। भोपाल डीआरएम सौरव बंदोपाध्याय ने बताया कि इसका निर्माण रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने और प्लेटफार्म पर यात्रियों का दबाव कम करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा रेलवे की जमीन का व्यवसायिक उपयोग करने और रेल लाइनों की विस्तार में आड़े आ रही जमीन की कमी को पूरा करने के लिए एयर कानपुर का निर्माण किया जा रहा है। एयर कानकोर के बारे में नीचे विस्तार से जाने।
रेलवे स्टेशन पर किसे कहते हैं एयर कानकोर
एयर कानकोर का निर्माण रेलवे ट्रैक के ऊपर किया जाता है, जिनकी लंबाई 80 से 100 मीटर तक और चौड़ाई 15 से 30 मीटर के बीच तक हो सकती है। इन पर बहु उपयोगी स्टॉल, आरामदायक कुर्सियां और किड्स जोन जैसी सुविधाएं होती हैं। यह प्रत्येक प्लेटफार्म से ट्रैवलेटर, एस्केलेटर व लिफ्ट के जरिए जुड़े होते हैं इनके नीचे से ट्रेनें गुजरती हैं। इनके ऊपर का माहौल ऐसा होता है, जैसे यात्री हवादार माहौल में बैठकर ट्रेनों का इंतजार कर रहा हो।
डिजाइन के लिए एजेंसी अधिकृत
डीआरएम ने जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल रेलवे स्टेशन के कानकोर की डिजाइन का काम एक निजी एजेंसी को सौंपा है। 6 महीने के भीतर इसका खाका सामने आएगा। बता दें कि रेलवे ने सबसे पहले एयर कानकोर के निर्माण की शुरुआत भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से की है। जिसका शुभारंभ बीते बारिश देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को किया था।
रेलवे स्टेशनों पर क्यों जरूरत है एयर कानकोर की
रेलवे स्टेशन पर प्रवेश करने बाहर निकलने वाले यात्री आपस में नहीं मिले। किसी प्रकार की भीड़ भाड़ या जाम की स्थिति ना बने इसलिए रेलवे स्टेशनों पर एयर कानकोर के निर्माण की आवश्यकता है। एयर कानकोर किसी भी स्टेशन पर पैसेंजर सिग्रीगेशन सिस्टम को अपनाने के लिए प्रभावी होते हैं।
रेलवे स्टेशन पर प्रवेश करने वाले यात्री एयर कानकोर की मदद से प्लेटफार्म तक पहुंचते हैं, तो ट्रेनों से उतरने वाले यात्री भूमिगत अन्य रास्तों से बाहर निकलते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर देखा जा सकता है।
भोपाल डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने दी जानकारी
भोपाल डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने बताया कि भोपाल स्टेशन को अलग-अलग चरणों में पुनः विकसित कर रहे हैं जिस पर एयर कानकोर की जरूरत है निजी एजेंसी से डिजाइन तैयार करवा रहे हैं। ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ रहा है ट्रेनों की संख्या बढ़ानी पड़ रही है। क्योंकि स्टेशन के दोनों और भवनों का निर्माण जरूरी है ऐसी स्थिति में रेलवे स्टेशन पर एयर कानकोर को एक प्रभावी विकल्प है।