up news : बाँदा में अराजक तत्वों ने क्रूरता की सारी हदें की पार, गाय के जबड़े में फोड़ा बम, हुई मौत
कोरोना वायरस ने हमे यह तो सीखा दिया कि ज़िंदगी कितनी अनिश्चित है। हमारे भावनात्मक स्तर को भी इस त्रासदी ने बदलकर रख दिया, लेकिन ऐसी भयावह त्रासदी के बीच भी हम संवेदनशील होना नहीं सीख पाए। खासतौर से जानवरों के प्रति इंसान जिस तरह से दिनोदिन क्रूर होता जा रहा है यह बहुत ही दिल दुखाने वाला और मन ख़राब करने वाला है। जयदा दिल दुखाने वाली बात इसलिए है कि फ़िलहाल कुछ दिनों से इंसान ने ऐसे जानवरो के अपनी जाहिलता और क्रूरता जाहिर की है जो पूरी तरह से इंसानो के सहारे अपना जीवन जीते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में अराजक तत्वों की घिनौनी करतूत सामने आई है। जहां एक गाय के मुंह में अराजक तत्वों ने बम फोड़ दिया, जिससे गाय की मौत हो गई।
गाय के मुँह में फटा विस्फोटक
बता दें कि पूरा मामला गुरुवार की देर शाम शहर के जीआईसी मैदान का है। जहां पर यहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने एक घायल अवस्था मे अन्ना गाय को यहां तड़पते हुए देखा। गाय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था की जैसे किसी विस्फोटक के फटने से इसका जबड़ा क्षतिग्रस्त हुआ है। जिसके बाद घटना की जानकारी लोगों ने विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के लोगों को दी और फिर विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के लोग मौके पर पहुंचे और पशु चिकित्सा अधिकारी को बुलाकर जहां गाय का उपचार कराया तो वहीं घटना की जानकारी पुलिस को भी दी। वहीं घायल अवस्था में गाय को शहर के हटेटी पुरवा गांव में स्थित गौशाला ले जाया गया और उसका उपचार किया गया। मगर गाय की शुक्रवार को मौत हो गई।
पोस्टमार्टम में हुआ साफ़, विस्फोटक के धमाके से हुई मौत
गाय
की
मौत
के
बाद
पशु
चिकित्सकों
की
एक
टीम
ने
गाय
का
पोस्टमार्टम
किया
जिसमें
यह
बात
सामने
निकलकर
आई
कि
विस्फोटक
के
धमाके
से
ही
गाय
का
जबड़ा
फट
गया
जिससे
उसकी
मौत
हो
गई।
तो
वहीं
विश्व
हिंदू
महासंघ
गौ
रक्षा
समिति
के
लोगों
ने
गाय
का
अंतिम
संस्कार
किया
और
आक्रोश
जताते
हुए
पूरे
मामले
में
आरोपियों
पर
सख्त
कार्रवाई
किए
जाने
की
मांग
की।
वही
घटना
के
संबंध
में
सीओ
सिटी
अंबुजा
त्रिवेदी
ने
बताया
कि
गुरुवार
की
देर
शाम
शहर
के
जीआईसी
ग्राउंड
में
एक
घायल
गाय
के
बारे
में
जानकारी
मिली
थी।
जिसका
जबड़ा
छत
विछत
हो
गया
था।
जैसे
ही
हमे
सूचना
मिली
तो
पशु
अधिकारी
को
बुलाकर
गाय
का
उपचार
कराया
गया।
वहीं
इस
मामले
में
अज्ञात
लोगों
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
कर
लिया
गया
है
और
जांच
पड़ताल
की
जा
रही
है।
जिसकी करते हैं पूजा, उसके साथ ऐसी क्रूरता
इन
घटनाओं
को
जानवरों
के
प्रति
भयावह
हिंसा
ही
नहीं
कहा
जा
सकता,
बल्कि
इससे
ऐसी
घटिया
सोच
उजागर
हुई
है
जिससे
मनुष्य
होने
पर
भी
शर्म
की
जानी
चाहिए।
दुनियाभर
में
जानवरों
के
प्रति
क्रूरता
को
रोकने
के
लिए
कई
संगठन
चल
रहे
हैं,
उनके
संरक्षण
के
लिए
अभियान
भी
चलाए
जा
रहे
हैं,
वहीं
भारत
में
क्रूरतम
तरीकों
से
जानवरो
की
हत्याएं
पश्चिमी
सभ्यता
को
भी
हिला
दे
रही
है।
लेकिन
यह
हमारे
लिए
इसलिए
शर्म
की
बात
हो
जाती
है
क्योंकि
भारत
में
इंसान
और
जानवरो
के
साझा
जीवन
को
पूरी
दुनिया
ने
देखा
है।
यहाँ
कुत्ते
हमेशा
से
मनुष्यों
के
साथ
रहे,
गाय
की
पूजा
की
जाती
है,
बंदरों,
कबूतरों,
और
कौवों
को
दाना
पानी
देने
को
पुण्य
का
काम
माना
जाता
है।
प्रशासन
को
लेना
होगा
एक्शन
मनुष्य
और
जानवरों
के
बीच
ऐसे
रिश्ते
के
बाद
भी
ऐसी
घटनाओं
को
देखना
और
सहन
कर
पाना
बेहद
मुश्किल
है।
यह
बहुत
ही
क्रूर
मानसिकता
का
काम
है
जो
आने
वाले
दिनों
में
और
भी
गंभीर
हो
सकती
है,
ऐसे
में
सरकार
और
स्थानीय
प्रशासन
को
हर
तरह
के
जानवरों
की
सुरक्षा
और
संरक्षण
को
सुनिश्चित
करना
चाहिए।
ऐसी
क्रूर
मानसिकता
वाले
इंसानो
पर
ठीक
उसी
तरह
कार्रवाई
होनी
चाहिए
जो
हत्या
और
बलात्कार
के
लिए
मुक़र्रर
है।
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