Google पर आप भी सर्च करते हैं हेल्पलाइन नंबर तो हो जाएं सावधान, CSC संचालक को हुआ भारी नुकसान
Google पर सर्च करके यदि आप हेल्पलाइन नंबर तलाशते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि वहां भी कीवर्ड्स के चलते सामने आ जाते हैं ठगों का नंबर
बलिया, 30 सितंबर : यदि आप भी ऑनलाइन कोई भी काम करते समय गलती हो जाने पर Google पर हेल्पलाइन सर्च कर मदद पाने की इच्छा रखते हैं तो सावधान हो जाइए। Google पर सर्च करते समय कुछ ऐसे नंबर भी सामने आ जाते हैं जो ठगों के नंबर होते हैं। मदद का आश्वासन देकर उनके द्वारा आपके साथ ठगी कर ली जाएगी। ऐसा ही मामला बलिया से देखने को मिला है। बलिया में एक सीएससी संचालक द्वारा खाते में पैसा रिफंड कराने हेतु Google पर सर्च किया गया। सर्च करने पर ब्राउज़र में उसे एक हेल्पलाइन नंबर मिला। उस नंबर पर फोन करने के बाद उसके बताए तरीकों को सीएससी संचालक द्वारा अपनाया गया और इस तरह उसने 21 हजार से अधिक रुपए गंवा दिया। इस मामले में साइबर सेल से शिकायत की गई है।
8 बार में निकाले 21 हजार से अधिक रुपए
बलिया जिले के रेवती इलाके के वार्ड नंबर 10 में रहने वाले अभिषेक कुमार पांडेय अपने घर ही ग्राहक सेवा केंद्र चलाते हैं। अभिषेक पांडेय ने बताया कि 27 सितंबर को उनकी दुकान पर हीरालाल नामक एक व्यक्ति पैसा निकालने के लिए आए थे। पैसा निकालते समय हीरालाल के अकाउंट से पैसा कट गया जबकि अभिषेक पांडेय के वॉलेट में पैसा नहीं आया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी अकाउंट में पैसा नहीं आया तो अभिषेक द्वारा हीरालाल को यह कहते हुए वापस भेज दिया गया कि पैसा आने पर वे सूचित करेंगे।
दूसरे दिन भी वॉलेट में नहीं आया पैसा
अभिषेक पांडेय ने बताया कि दूसरे दिन भी उनके वॉलेट में पैसा नहीं आया। ऐसे में अभिषेक द्वारा इसकी जानकारी के लिए Google पर सर्च किया गया। सर्च करने पर उनको कई तरह की जानकारियां मिली। इस दौरान वहां उनको एक मोबाइल नंबर भी मिला और उसके द्वारा मदद के बारे में बताए जाने के लिए वहां लिखा हुआ था। परेशान अभिषेक द्वारा उस नंबर पर फोन मिलाया गया तो सामने वाला खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताया।
एनीडेस्क इंस्टॉल करवाने के बाद किया खेल
अभिषेक ने बताया कि बात करने के बाद उस व्यक्ति द्वारा लैपटॉप में एनीडेस्क सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए कहा गया। उसके बताने पर अभिषेक ने अपने लैपटॉप में एनीडेस्क सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर लिया। एनीडेस्क सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के बाद उस व्यक्ति द्वारा एनीडेक्स Key पूछा गया तो अभिषेक ने उसे बता दिया। उसके बाद सामने वाले व्यक्ति द्वारा अभिषेक को काफी देर तक गुमराह किया जाता रहा और विश्वास में लेकर उसने अभिषेक से उसकी अन्य जानकारियां हासिल कर लिया।
कटने लगे रुपए तो बोला हो जाएंगे रिफंड
रुपए रिफंड किए जाने के बारे में बताते हुए वह व्यक्ति अभिषेक के वॉलेट से अपने अकाउंट में ट्रांसफर किया। उसने कहा कि ऐसा करने के बाद वह रुपयों को रिफंड करने के बारे में बताएगा। इस तरह धीरे-धीरे उसने 8 बार में अभिषेक के वॉलेट से 21800 रुपया ट्रांसफर कर लिया। रुपए ट्रांसफर होने लगे तो अभिषेक ने एनीडेस्क सॉफ्टवेयर को बंद कर दिया।
ठगी होने के बाद पुलिस से किया शिकायत
उसके बाद अभिषेक द्वारा उस नंबर पर संपर्क किया गया तो पहले वह फोन उठाना बंद कर दिया और उसके बाद कई बार फोन करने पर उसने अपना मोबाइल ही बंद कर दिया। ऐसे में अभिषेक को अपने साथ हुई ठगी के बारे में जानकारी मिली। कोई उपाय नहीं सूझा तो अभिषेक स्थानीय पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस द्वारा उसे साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया। साइबर सेल में शिकायत करने के बाद भी अभी तक उसके रुपए वापस नहीं हुए हैं।
जानकार बोले- Google पर मिलने वाले नंबर से रहें सावधान
इस बारे में जब ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों और साइबर एक्सपर्ट की राय ली गई तो जानकारों द्वारा बताया गया कि ठगों द्वारा अपनी वेबसाइट, ब्लॉग व अन्य प्लेटफार्म पर अपने नंबर फीड किए रहते हैं। Google पर सर्च करते समय कीवर्ड के अनुसार कई बार उनके नंबर पहले आ जाते हैं। ऐसा करने से लोग उसी नंबर पर फोन करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए लोग ऑफिशियल वेबसाइट पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी कार्यालय में जाकर मदद ले सकते हैं। लेकिन Google पर सर्च करने के बाद आने वाले नंबर पर फोन करके मदद लेने से लोगों को बचना चाहिए।
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