अमेठी: 'मेरा बच्चा तड़पकर मरा, हॉस्पिटल से डॉक्टर नदारद', पिता ने राहुल गांधी को खून से लिखा दर्द
Amethi News, अमेठी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपने संसदीय क्षेत्र से बुरी खबर है। यहां स्थित मुंशीगंज में जिस संजय गांधी हॉस्पिटल से मिले ज़ख्मों को लेकर उनके ही संसदीय क्षेत्र के एक भुक्तभोगी ने उन्हें अपने खून से पत्र लिखकर दर्द बयां किया है। हालांकि जिन आरोपों पर आधारित पत्र राहुल को भेजा गया है, उसका हॉस्पिटल प्रशासन ने खंडन करते हुए लगे हुए आरोपों को निराधार बताया है।
अर्पित ने पत्र में ये लिखा
आपको बता दें कि उक्त पत्र अमेठी कोतवाली के आवास विकास कालोनी के निवासी अर्पित शंकर शुक्ला द्वारा लिखकर भेजा गया है। उन्होंने पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि सांसद जी बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ा है कि आपका अस्पताल संजय गांधी मुंशीगंज धन उगाही एवं डाक्टरों की लापरवाही का अड्डा बन गया है। मैं उसका भुक्तभोगी हूं। मेरे बच्चे की मौत हो गई है, जो चार दिन का था। बच्चा मेरा तड़पता रहा, मैं देखता रहा डॉक्टर नदारद थे। मेरी पत्नी सदमे में है। डाक्टरों ने ये भी नहीं बताया कि किस कारण मेरे बच्चे की मौत हुई है। महोदय आपसे प्रार्थना है कि दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की जाये जिससे किसी और मासूम शिशु की जान न जाए। पीड़ित पिता अर्पित शंकर शुक्ल। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने आरोप को निराधार बताया है।
पैदा होने के दो दिनों तक स्वस्थ था बच्चा
अर्पित की मानें तो बीते 7 दिसम्बर को उसने पत्नी पूनम शुक्ला को डिलेवरी के लिए संजय गांधी हास्पिटल में भर्ती कराया था। आरोप है कि डाक्टर पहले नॉर्मल डिलेवरी की बात कहते रहे और अंत में दूसरे दिन ऑपरेशन से डिलेवरी करवाई। दो दिन बाद तीसरे दिन अचानक बच्चे की मौत हो गई। बताया गया कि डॉक्टरों से रोज पूछा बच्चे को किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं तो प्रशासन से लेकर डाक्टर यही कहते रहे किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं है। समय रहते अगर मुझे बता देते तो रेफर करा लेता। ये भी आरोप है कि इसलिए आपरेशन किया ताकि अवैध धन अर्जित कर सकें। भुक्तभोगी ने 50-55 हजार रुपए मांगे जाने की बात कही है।
फीडिंग कराते समय प्रॉब्लम से हुई मौत: जरनल मैनेजर
पूरे मामले पर जब संजय गांधी हॉस्पिटल के जनरल मैनेजर अवधेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 55 हजार रुपए के बिल की बात ग़लत है। मैने बिल मंगवाया है टोटल 28 हजार का चार्ज हुआ है। उन्होंने बताया कि मरीज पूनम शुक्ला 8 दिसम्बर को एडमिट हुई थी और 10 दिसम्बर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बच्चे की मौत पर कहा कि बच्चा स्वस्थ था, मां द्वारा फीडिंग कराते समय प्रॉब्लम हुई। वैसे चार्ज के मामले में मैनेजर ने जो कहा बिल भी वही शो कर रहा। लेकिन एडमिट और डिस्चार्ज के मसले पर वो अपने बयान में फंस गए। हास्पिटल की ओर से जारी डिस्चार्ज पेपर में पेशेंट के भर्ती की तारीख 7 दिसम्बर और डिस्चार्ज की तारीख 15 दिसम्बर दर्शाई गई है।
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