प्रयागराज: अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, खनिज मोहर्रिर गौरी शंकर सेवा से बर्खास्त
प्रयागराज। हाईकोर्ट की सख्ती व सरकार की बदली नीतियों के बाद अवैध खनन को रोकने की दिशा में एक्शन का दौर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अवैध खनन पर सख्ती करते हुये एक अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है। ठीक ढंग से काम न करने व स्वेच्छाचारिता और शासकीय आदेशों की अवहेलना करने पर खनिज मोहर्रिर गौरी शंकर त्रिपाठी की सेवा समाप्त कर दी गयी है।
गौरतलब है कि त्रिपाठी पर पहले भी कई बार आशुसानिक कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन कई बार निलंबित होने के बावजूद भी त्रिपाठी के विरूद्ध शिकायतों का क्रम जारी रहा। जिस सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई करते हुये उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा दो अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गयी है। जिनमें ज्येष्ठ खान अधिकारी व सर्वेक्षक शामिल हैं। इन दोनों को अब प्रयागराज से हटाकर मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।
6
बार
निलंबित
हुये
थे
गौरी
शंकर
भूतत्व
एवं
खनिकर्म
निदेशक
डॉ.
रोशन
जैकब
की
ओर
से
कार्रवाई
करने
के
बाद
मीडिया
को
दी
गयी
जानकारी
के
अनुसार
खनन
विभाग
में
अपने
सीनियर
अफसरों
के
आदेश
की
अवेहलना
करना
और
शासकीय
आदेशों
का
पालन
न
करने
के
मामले
में
खनिज
मोहर्रिर
गौरी
शंकर
त्रिपाठी
हमेशा
से
चर्चा
में
रहे
हैं।
कई
बार
वाह
खनन
के
लिये
कूटरचित
ढंग
से
अभिलेखों
में
हेराफेरी
करने
के
आरोप
में
अशुसानिक
कार्रवाई
का
शिकार
हुये।
जबकि
खनन
पर
गलत
रिपोर्ट
देकर
उच्चाधिकारियों
को
गुमराह
करने
का
भी
कारनामा
उनके
नाम
रहा
है।
लगातार
उनके
विरूद्ध
शिकायत
मिलने
पर
उनके
विरूद्ध
कार्रवाई
का
क्रम
भी
चलता
रहा
है
और
अपनी
नौकरी
में
अब
तक
वह
6
बार
निलंबित
किये
जा
चुके
हैं।
हालांकि
इस
बार
उन्हें
राजकीय
सेवा
से
हटा
दिया
गया
है।
त्रिपाठी
के
अलावा
जिन
दो
अधिकारियों
पर
कार्रवाई
हुई
है।
उसमें
प्रयागराज
के
ज्येष्ठ
खान
अधिकारी
बीपी
यादव
और
सर्वेक्षक
अशोक
कुमार
मौर्य
शामिल
है।
इन
दोनों
को
मुख्यालय
से
सम्बद्ध
कर
दिया
गया
है।
इन
आरोप
है
कि
इनके
द्वारा
यमुना
नदी,
टोन्स
नदी
और
बेलन
नदी
में
स्वीकृत
पट्टे
के
विपरीत
खनन
कराया
गया
और
इनकी
सह
पर
ही
सरकार
को
राजस्व
का
नुकसान
हुआ।
जाने
के
चलते
मुख्यालय
से
सम्बद्ध
कर
दिया
गया
है।