इलाहाबाद / प्रयागराज न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

मुरली मनोहर जोशी बेच रहे हैं अपना बंगला, आखिर क्या है वजह

Google Oneindia News

इलाहाबाद: इलाहाबाद के पूर्व सांसद व भाजपा के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी अपना बंगला बेच रहे हैं। यह वही बंगला है जो इलाहाबाद लोकसभा में उनकी राजनीतिक जीवन और संघर्षों की कहानी बयां करता था। प्रयागराज के सबसे खास इलाकों में शुमार टैगोर टाउन में स्थित बंगला 'अंगीरस' जोशी की यादें और उनके इस शहर से जुड़ाव की भी याद दिलाता है। इसी बंगले पर भाजपा के दिग्गजों का जमावड़ा होता था और हजारों लोग मदद की आस में यहां आया करते थे। किंतु अब यह बंगला बिक रहा है। माना जा रहा है कि यह बंगला बिकने की वजह से प्रयागराज शहर से जोशी का सीधा जुड़ाव भी खत्म हो जायेगा।

BJP leader Murli Manohar Joshi selling his bungalow in allahabad

हालांकि, उनके बंगला बेचने के पीछे की वजह अभी सामने नहीं आ सकी है। लेकिन, बंगला को बेचने की बातचीत फाइनल हो गयी है और इसी महीने में रजिस्ट्री होने की बात कही जा रही है। बंगला बिकने की पुष्टि करते हुए डॉ. जोशी के करीबी प्रोफेसर केएन उत्तम व इलाहाबाद के चुनाव में प्रभारी रहे राघवेन्द्र मिश्र ने बताया कि बंगला बिकने की औपचारिक कार्रवाई इसी महीने के आखिरी तक हो सकती थी।

कैसे मिला था बंगला

कैसे मिला था बंगला

मुरली मनोहर जोशी के 'अंगीरस' नाम के इस बंगले की कहानी भी बेहद ही दिलचस्प है। जो 65 साल पहले शुरू हुइ्र थी। दरअसल कुछ दशक पहले यह बंगला सरकारी था और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के. बनर्जी को एलॉट किया गया था। 1954 में प्रो. के. बनर्जी वापस कोलकाता जाने लगे तो इस बंगले को जोशी जी के नाम एलाट करने का क्रम शुरू हुआ। काफी दबाव में जिला प्रशासन ने इस बंगले को जोशी जी के नाम एलाट कर दिया और किराया देकर वह इसमे रहने लगे। कालांतर में सरकार ने सरकार ने आवंटियों को घर बेचे तो डॉ. जोशी ने इसे खरीद लिया। 1993 में जोशी जी ने इस बंगले के पुराने रूप को बदलने का काम शुरू किया और नये मॉडल के अनुसार इस बंगाले को आकर दिया और इस बंगले का नाम रखा अंगीरस। अंगीरस नाम रखने के पीछे जोशी जी एक पौराणिक पात्र का जिक्र हमेशा किया करते थे, वह बताते थे कि ब्रह्मा के मानस पुत्र अंगिरा थे, जो गुणों में ब्रह्मा के समान थे, उन्हीं से प्रभावित होकर ही और उनके नाम पर ही बंगले का नाम अंगीरस रखा गया।

बंगले में लगता था दिग्गजों का जमावड़ा

बंगले में लगता था दिग्गजों का जमावड़ा

मुरली मनोहर जोशी के बंगले में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिग्गजों का हमेशा से जमावड़ा होता था। एक से बढ़कर एक राजनीतिक दिग्गज इस बंगले की मेजबान को बड़ी ही सरलता से स्वीकार करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, मोहन भागवत, सिंहल सहित शायद ही कोई बड़ा नेता भाजपा या संघ का रहा है जो इस बंगले में ना आया हो। भारतरत्न नानाजी देशमुख तो जब भी प्रयागराज आते तो इसी बंगले में टिका करते थे। वहीं कुंभ मेले के दौरान भी जोशी जी का यह बंगला दिग्गजों की मेजबानी में गुलजार हुआ करता था। जोशी जी ने एक बेटी प्रियम्वदा की शादी इसी बंगले से की थी, जिसमे देश की जानमानी हस्तियों ने शिरकत की थी। लेकिन, बंगले के बिकने के साथ ही इसमे सिमटी यादें भी सिमट जायेंगी।

हार के बाद खफा हो गये थे जोशी

हार के बाद खफा हो गये थे जोशी

प्रयागराज शहर से जोशी जी का मोहभंग कोई आज की वजह नहीं है, बल्कि उनके राजनैतिक उफान की कहानी के दौरान ही इसकी पटकथा लिखी गयी थी। दरअसल जोशी जी का जुडाव इस शहर से दशकों पुराना है। जब जोशी जी ने मेरठ कॉलेज से बीएससी करने के बाद 1951 में पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ओर रूख किया। पढाई में बेहद ही मेधावी जोशी जी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञान विभाग में एमएससी में प्रवेश लिया और 1953 में एमएससी पूरी कर यह पीएचडी करने लगे। शोध के दौरान ही वह यहीं पढ़ाने लगे और 1960 में नियमित शिक्षक हो गए। इसके बाद जब वह राजनीति में उतरे तब इलाहाबाद संसदीय सीट से 1996 में वह सांसद बने। इसके बाद लगातार 98 और 1999 में तीन बार इलाहाबाद से सांसद चुने गये।

नाराज होकर प्रयागराज से दूरी बना ली

नाराज होकर प्रयागराज से दूरी बना ली

2004 के आम चुनाव में मुरली मनोहर जोशी को सपा के रेवती रमण ने हरा दिया और इस हार के बाद नाराज होकर डॉ. जोशी ने प्रयागराज से दूरी बना ली। उन्होंने साफ लहजे में कहा जिस कर्मस्थली के लिये उन्होंने इतना अधिक काम किया वहां के लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया। बड़ी नाराजगी के बाद पार्टी ने कयी बार प्रयास किया कि जोशी फिर से इलाहाबाद से चुनाव लड़े, लेकिन वह नहीं माने ओर दुबारा इलाहाबाद सीट से चुनाव नहीं लड़े। 2009 के आम चुनाव में वाराणसी और 2014 में कानपुर से जीतकर संसद पहुंचे, लेकिन इलाहाबाद से वह दूरी बनाते रहे। उनका यहां आना जाना बेहद ही कम हो गया और उनकी इस शहर से दूरी का असर अब बढ़ता ही चल गया है। अब उनके जुडाव का आखिरी कारण बचा हुआ बंगला भी बिकने जा रहा है।

प्रयागराज को दिए थे ये तोहफे

प्रयागराज को दिए थे ये तोहफे

सांसद रहते हुए जोशी ने प्रयागराज शहर के कायाकल्प में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा किए गए कुछ बड़े प्रोजेक्ट:

1 - यमुना नदी पर देश का पहला केबिल ब्रिज बनवाया
2 - भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना
3 - एमएलएनआर को एमएनएनआईटी के रूप में एनआईटी का दर्जा
4 - इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा
5 - केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय
6 - झूंसी में भू-चुम्बकत्व केंद्र की स्थापना
7 - यमुनापार में सिंचाई की समस्या का समाधान

होटल के गटर में एक को बचाने के लिए उतरे 6 मजदूर, सातों की दर्दनाक मौत

Comments
English summary
BJP leader Murli Manohar Joshi selling his bungalow in allahabad
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X