गुजरात हिंसा: पिता को खोने वाले अमजद ने बताया कैसे 5000 की भीड़ ने गांव को जलाया
पाटन में शनिवार को मुस्लिमों के घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया था और घरों को फूंक दिया था। इसमें दो लोगों की मौत हुई जबकि 20 लोग घायल हैं।
पाटन। गुजरात के पाटन जिले में वडवाली गांव में शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा को अपनी आंखों से देखने वाले और अपने पिता को इस हिंसा में खोने वाले गांव के अमजद ने उस दिन की भयावह कहानी बताई है। वड़वाली में शनिवार को मुस्लिमों के घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया था और घरों को फूंक दिया था। इसमें दो लोगों की मौत भी हुई है।
19 साल के अमजद बेलिम ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ''भीड़ हमें मारने के लिए तीन बार आई थी और हर बार पहले से ज्यादा लोग भीड़ में थे। भीड़ के लोग कह रहे थे मुसलमानों को मार डालेंगे'' अमजद ने बताया कि लोगों के समझाने पर वो चले गए लेकिन इसके बाद दो बार और गुस्साई भीड़ हमारे घरों पर हमला को आई, भीड़ का गुस्सा और तादाद हर बार पहले से ज्यादा थी।
पालतू
पशुओं
को
भी
लूट
ले
गए
हमलावर
अमजद
बताते
हैं,
जब
तीसरी
बार
भीड़
ने
हमला
किया
तो
ये
बहुत
बड़ी
तादाद
थी,
5000
से
ज्यादा
लोग
थे।
भीड़
के
तीसरी
बार
आने
से
पहले
इब्राहिम
खान
ने
दोनों
बेटों
और
भतीजों
को
भाई
के
घर
छुपा
दिया
और
ताला
लगा
दिया।
अमजद
ने
बताया,
घर
के
अंदर
से
हमने
चार
या
पांच
बार
गोली
चलने
की
आवाज
सुनी।
हमने
लोगों
के
चिल्लाने
और
गेट
को
खोलने
की
आवाजें
सुनीं।
हमने
दरवाजे
को
अंदर
से
बंद
कर
लिया।
कुछ
देर
में
पुलिस
आ
गई
और
भीड़
भाग
गई
नहीं
तो
हम
भी
मारे
जाते।
इस
हमले
में
अमजद
के
पिता
इब्राहिम
और
एक
अन्य
शख्स
की
मौत
हो
गई।
अमजद ने बताया कि दो लोगों की मौत के अलावा भीड़ के हमले में 20 अन्य घायल हो गए। हिंसा में दो दर्जन से ज्यादा वाहन जलाए गए। गांव के ज्यादातर घरों को फूंक दिया गया। हमलावर भीड़ मुसलमानों के पालतू जानवरों को भी ले गई।
सुनसार और वड़ावली के छात्रों में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। जिसके बाद शनिवार को सुनसार के लोगों ने पड़ोस के मुस्लिम बाहुल्य वडावली पर हमला पर गांव को तहस-नहस कर दिया। दोनों गांवों में फिलहाल पुलिस का पहरा है। दोनों तरफ से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
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