धमाकों में 600 हत्याएं करने वाले भटकल को कोई पछतावा नहीं
पटना। देश के कई बड़े शहरों में बम धमाकों को अंजाम दे चुके यासीन भटकल को 600 लोगों की हत्या के बाद भी कोई पछतावा नहीं है। आईएसआई के साथ मिलकर आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले इंडियन मुजाहिदीन के इस सरगना के पास से कई राज जल्द ही खुलने वाले हैं।
यासीन भटकल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने जब पूछताछ की तो उसने कई विस्फोटों की बात कबूल की और उसका कहना है कि उसे इसका कोई अफसोस नहीं है। इस बीच एनआईए प्रमुख शरद कुमार ने भी भटकल से पूछताछ की है। भटकल की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा और जांच एजेंसियों को कई आतंकवादी हमलों का खुलासा होने की उम्मीद है। हालांकि प्राथमिक पूछताछ के बाद भटकल को विशेष विमान से दिल्ली भेज दिया गया है।
एनआईए के सूत्रों के अनुसार भटकल और हड्डी को पटना स्थित बिहार सैन्य बल (बीएमपी) कार्यालय परिसर में रखा गया। गिरफ्तारी के बाद से ही भटकल से लगातार पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान बिना किसी हिचकिचाहट के भटकल प्रश्नों का जवाब दे रहा था। उसने यह भी कबूला है कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूरा सहयोग प्राप्त था। असल में वही उसे पासपोर्ट मुहैया कराता था।
भटकल और उसके साथी आतंकवादी को गुरुवार शाम मोतिहारी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर एनआईए के हवाले कर दिया गया। एनआईए की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को लेकर पटना पहुंची। भटकल से जुड़े अन्य तथ्य तस्वीरों के साथ।
क्यों आतंकी बना यासिन
यासिन भटकल उग्र स्वभाव का है, और अमेरिका में हुए आतंकी हमले 9/11 के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप तथा गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद कट्टरपंथ की तरफ झुक गया। भटकल गुजरात दंगों से इतना ज्यादा प्रभावित हुआ कि उसने कट्टरपंथ की राह चुनी और देश के प्रति नफरत उसके दिल में भर गई।
छात्र जीवन से ही जेहादी
जेहाद के प्रति रूझान होने के कारण भटकल इंजीनियरिंग महाविद्यालय के पुस्तकालय में इस्लाम से संबंधित पुस्तकें एवं लेख पढ़ने जाया करता था, तथा इस्लाम में वर्णित पवित्र युद्ध के संदेश से वह विशेष तौर पर प्रभावित था। 2002 के अक्टूबर महीने में भटकल ने मौलाना शीष का व्याख्यान सुना। संभवत: पाकिस्तान के मौलाना शीष बेहद प्रभावकारी वक्ता माने जाते हैं।
देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिये हुआ प्रेरित
मौलाना शीष के व्याख्यान से प्रभावित भटकल ने उनसे निजी तौर पर मुलाकात की तथा उसे बाद में कट्टरपंथ के विचारों का हिमायती बना दिया गया तथा भारत और उसके निवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए प्रेरित कर दिया गया। भटकल ने 2007 में छह अन्य लोगों के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की।
आतंक फैलाया
इस समूह ने अनेक बम विस्फोट कर भारत में जमकर आतंक फैलाया। इस संगठन द्वारा किए गए आतंकी हमलों में 2010 में पुणे के जर्मन बेकरी में किया गया बम विस्फोट था, जिसमें 17 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। जयपुर में भी एक ही समय पर नौ बम विस्फोट करने के पीछे भी इसी संगठन का हाथ माना जाता है। इस विस्फोट में 60 लोगों की मौत हो गई थी, तथा इसी वर्ष आईएम द्वारा दिल्ली में किए गए बम विस्फोट में 30 व्यक्ति मारे गए थे।
धमाकों के बाद रचाई शादी
भटकल 2008 में दिल्ली लौटा तथा जामिया नगर इलाके में शादी रचाई। इसके कुछ ही सप्ताह बाद दिल्ली में बम विस्फोट हुए। आईएम को सरकार द्वारा 2010 में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया। भारत सरकार द्वारा अतिवांछित एवं खतरनाक आतंकवादी संगठन आईएम का मुख्य कार्यकर्ता भटकल पिछले पांच वर्षो से फरार चल रहा था, तथा नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान में शरण लिए हुए था।