27 मौतों के बाद जागे नीतीश कहा, पहले प्रिंसिपल चखेंगे मिड डे मील
पटना। छपरा के सरकारी स्कूल में जहरीला मिड डे मील खाने से बच्चों के मौत का आंकड़ा 27 हो गया है। सरकारी योजना के तहत चलाए जा रहे मिड डे मील से हुई बच्चों की मौत के बाद लोगों और विरोधियों के निशाने पर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक लोगों के सामने नहीं आए है। नीतीश ने कोई बयान नहीं दिया है, बस मुआवजे का ऐलान कर दिया।
लोगों के भारी विरोध झेल रही बिहार की नीतीश सरकार ने आज अखबारों में विज्ञापन देकर सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और खाना बनाने वालों को निर्देश दिया है कि बच्चों के सामने खाना परोसने से पहले खुद मिड-डे मील चखें। नीतीश ने बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों के माध्यम से ये दिशानिर्देश जारी किया है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील को पहले स्कूल के प्रिसिंपल और रसोईये चखेंगे फिर उसके बाद ही बच्चों के सामने परोसा जाएगा।
छपरा में हुए दर्दनाक हादसे के दो दिन बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं स्कूल की प्रिंसिपल और उनके घरवाले अब तक फरार हैं। बिहार के छपरा में हुए बच्चों की इस दर्दनाक मौत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी हरकत में आ गई है। आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है और शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव और सारण के एसपी को चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
लोगों ने आरोप लगाया है कि जिस तेल में काना बनाया गया था वो खाने का तेल कीटनाशक के डिब्बे में रखा गया था। वहीं नीतीश सरकार इस घटना के पीछे राजनीतिक साजिश देख रही है। बिहार के शिक्षामंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस मामले में विपक्षी दलों की साजिश किए जाने और इसके जरिये प्रदेश की वर्तमान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।