24 घंटे के अंदर बाला साहब के स्मारक ढांचे को हटाने का आदेश
शिवसेना द्वारा शिवाजी पार्क में दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का स्मारक बनाये जाने की मांग को महाराष्ट्र सरकार ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने बांबे म्युनिसिपल कार्पोरेशन के कमिश्नर सीताराम कुंते, मेयर सुनील प्रभु और राज्यसभा के सांसद संजय राउत को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वह बाला साहेब ठाकरे के स्मारक के ढ़ाचे को 24 घंटे में हटाये या फिर कार्यवाही करे।
इस पर बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर शिवसेना नेता इस नोटिस पर कोई ध्यान नहीं देते हैं तो हम न फिर ढ़ाचें को वहां से हटा देंगे बल्कि सेना के खिलाफ कार्यवाही भी करेंगे। हम बीएमसी के मेयर सुनील प्रभु को निलंबित भी कर सकते हैं। बीएमसी के प्रावधानों के अनुसार पार्षदों को गैरकानूनी निर्माण का समर्थन करने के लिए निलंबित किया जा सकता है। इसके अलावा बीएमसी ने बांबे हाई कोर्ट मे एक केस भी दायर कर दिया है कि अगर अस्थाई स्मारक निर्माण के संबंध में कोई केस आता है कि तो उस पर बिना सुनवाई के कोई निर्णय न लिया जाये।
इसके अलावा मुख्यमंत्री चौहान ने बी आर अंबेडकर स्मारक के संबंध में कहा कि इसका निर्माण इंदु मिल्स लैंड पर किया जाएगा। इस पर बात करने के लिए उन्होने केन्द्रीय वस्त्र एवं उद्योग मंत्री से मुलाकात की। जिसकी घोषणा बी आर अम्बेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर संसद में की जाएगी।
हम शिवाजी पार्क में समाधि स्थल नहीं बनने देंगे: संजय राउत
शिवसेना मेयर सुनील प्रभु और राज्य सभा सांसद संजय राऊत ने कहा है कि हम इस संबंध में केस दायर करेंगे। उन्होने कहा कि मुंबई में ला एंड आर्डर को बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री ने बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में करने की अनुमति दे दी थी अब शिव सैनिक यहां स्मारक बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। हम उनके इस निर्णय का विरोध करते है। शिवसेना ने अब इसे अपने आत्मसम्मान का मुद्दा बना लिया है।
संजय राऊत ने कहा है कि हम किसी भी हालात में यहां समाधि स्थल बनाये जाने की अनुमति नही दे सकते। इसके लिए हम कोई दूसरा स्थान सुनिश्चित करेंगे। सरकार ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए शिवाजी पार्क की सुरक्षा कड़ी कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि हम शिव सैनिकों को कानून अपने हाथों में नहीं लेने देंगे।
वहीं शिवसेना अधिकारियों का कहना है कि अगर सरकार में हमें बान्द्रा वरली के निकट किसी खुले स्थान स्मारक बनाने की जगह दे देती है तो हम यह एक बेहतर विकल्प होगा।