भगवान श्रीराम को दिया जाता है ‘गार्ड ऑफ ऑनर’!
किसी क्षेत्र में प्रवेश करते समय देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे अति विशिष्ट हस्तियों को सिर्फ एक ही बार ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिए जाने की संवैधानिक व्यवस्था है, पर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले की पवित्र नगरी ओरछा, जो देश में लाला हरदौल के ब्रम्हचर्य की वजह से प्रसिद्ध है, में एक ऐसा मंदिर बना है, जहां भगवान श्रीराम को मध्य प्रदेश शासन के एक दर्जन पुलिसकर्मी बतौर रक्षक तैनात हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां श्रीराम को भगवान नहीं बल्कि नहीं, अयोध्या नरेश ‘राम' के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि देश का यह इकलौता मंदिर है, जहां श्रीराम को राजा के रूप में देखा जाता है, भगवान के रूप में नहीं।
राजा राम की ड्योढ़ी में मध्य प्रदेश शासन के एक दर्जन पुलिस कर्मी बतौर रक्षक तैनात हैं। इतना ही नहीं, यहां चारों पहर राजा राम की आरती होती है और पुलिस कर्मी हर बार उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर' देते हैं। मध्य प्रदेश की सरकार बुंदेला शासकों के दौर की इस परम्परा को सदियों से बखूबी निभाती चली आ रही है।
ओरछा में भगवान श्रीराम को राजा का दर्जा दिए जाने के पीछे एक लोककथा के बारे में संत रामषरण दास त्यागी जी महराज बताते हैं कि ‘संवत 1600 में यहां के तत्कालीन बुंदेला शासक महाराजा मधुकर शाह की पत्नी महारानी कुअंरि गणेश उन्हें अयोध्या से ओरछा लाई थीं। उस समय मर्यादा पुरुशोत्तम श्रीराम ने शर्त रखी थी कि वे ओरछा तभी जाएंगे, जब इलाके में उन्हीं की सत्ता रहे और राजशाही पूरी तरह से खत्म हो जाए। तब महाराजा शाह ने ओरछा में ‘रामराज' की स्थापना की थी, जो आज भी कायम है।'