वाड्रा को क्लीन चिट मिलना एक मजाक:राजनाथ सिंह
बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के भ्रष्टाचार के आरोपो में फंसे होने के मामले में श्री सिंह ने कहा कि गडकरी पर जो आरोप लगाये जा रहे हैं उनका किसी भी एजेंसी से खुली जांच करा लेनी चाहिए। गडकरी ने जितना साहसिक कदम उठाया है, वैसा साहसिक कदम भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित, किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने नहीं उठाया। कन्नौज में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी किसी सामाजिक पद पर नहीं बैठे हैं, उसके बावजूद वह सरकार को खुली चुनौती दे रहे है कि वह जिस भी एजेंसी से चाहे, उनकी जांच करा लें। चूंकि वह किसी सरकारी पद पर नही बैठे हैं इसलिए उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है।
नितिन गडकरी के पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के सवाल पर सिंह ने कहा कि वह सांसद नहीं हैं और उनके पास कोई सरकारी पद भी नहीं है। जब वह किसी भी प्रकार से जांच को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं, तो फिर इस्तीफा किस बात का। यह पूछे जाने पर कि गडकरी को भाजपा अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलना चाहिये या नहीं, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आरोपों से उनके कार्यकाल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। राबर्ट वाड्रा को जमीन मामले में हरियाणा के मेवात, पलवल, फरीदाबाद और गुडग़ांव के उपायुक्तों (डीसी) द्वारा क्लीन चिट दिये जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि इस क्लीन चिट का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इन्हीं डीसी ने वाड्रा को जमीन दी थी। अब खुद ही जांच कर क्लीन चिट दे रहे हैं और यह डीसी आखिरकार हरियाणा सरकार के अधीन ही काम करते है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसे मामलो की निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही होनी चाहिए तभी सच सामने आ पाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर जिस तरह रोज नये नये भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी भी सरकार पर नहीं लगे हैं. यह सरकार अपनी साख खो चुकी है और देश में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते है और भारतीय जनता पार्टी हर समय चुनाव के लिये तैयार है। अयोध्या में राम मंदिर बनाये जाने के राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के मुद्दे को उन्होंने राजनीतिक नही बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा बताया।