उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

काकोरी कांड के शहीदों को भूल गई यूपी सरकार

Google Oneindia News

लखनऊ। ऐ मेरे वतन के लोगों को लोंगों ज़रा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी॥ यह पंक्तियां सुनने पर कुछ लोगों की आंखे जरूर भर आती हैं लेकिन प्रदेश के राजनेता और नौकर शाहों की आंख का पानी पूरी तरह से मर चुका है शायद यही कारण है कि काकारी शहीदों की याद में बनवाया गया शहीद स्मारक आज खुद की बदहाली पर आंसू बहा रहा है। स्मारक की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और शहीदों की याद के नाम पर इमारत के भीतर एक पुस्तकालय है जिसमें मात्र दो ही किताबे हैं वह भी दान में मिली थीं। कुछ तस्वीरों के अतिरिक्त इमारत में कुछ भी नहीं है।

काकोरी कांड की स्मृति में बनी स्मारक बदहाली की हालत में है। चारों तरफ बड़ी-बड़ी घास अंदर टहलते कुत्ते सारी दास्ता स्वत: ही बयां कर देते हैं। वर्ष 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस ऐतिहासिक स्थल की आधारशिला रखी थी। श्रीमती गांधी के आने के समय प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर आला अधिकारियों की फौज ने स्मारक का दौरा किया और स्माकर का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। स्मारक तो बन गया लेकिन इसके बाद प्रशासन ने जो मुंह फेरा तो आज तक पलट कर नहीं देखा।

Kakori Kand

25 जून 1999 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने काकोरी शहीद मंदिर स्मारक का उद्घाटन किया था। स्मारक में शहीदों की कांस्य प्रतिमाओं पर धूल पड़ी हुई थी। स्मारक के छोटे से पुस्तकालय में स्वाधीनता संग्राम व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़ी दो पुस्तकें लेकिन एड्स व दूसरी जानकारियों से जुड़ी कई पुस्तकें रख दी गयी हैं। ऐतिहासिक स्थल जाने का रास्ता भी खस्ताहाल है जिसके चलते गांव वालें भी इस ओर जाना पसंन्द नहीं करते।

अगस्त के क्रांतिकारी महीने में 9 तारीख का भी विशेष महत्व है। यही वह दिन है जब 9 अगस्त को महात्मा गांधी के आह्वान पर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने भारत छोड़ो आंदोलन ने हिस्सा लिया और अंग्रेजी शासन नींव हिल गयी। समय बदला देश आजाद हो गया और देशवासी धीरे-धीरे उन शहीदों को भुलाते चले गए जिन्होंने आजादी के लिए अपनी जान दे दी। लखनऊ शहर से सटे काकोरी कस्बे में क्रांतिकारियों ने एक ऐसा कारनामा किया कि अंग्रजों की नींद उड़ गयी थी।

9 अगस्त 1925 की वह रात थी 8.40 बजे सिर पर कफन बांधे क्रांतिकारियों ने सहारनपुर से लखनऊ आने वाली आठ डाउन पैसेंजर टे्रन का सरकारी खजाना कोकोरी में लूट लिया था। इस लूट का काकोरी लूट काण्ड का नाम दिया गया। इस लूट के बाद अंग्रेजों क्रांतिकारियों को खोजने में पूरी ताकत लगा दी और चारों क्रांतिकारी पकड़ लिए गए, और उन्हें फांसी की सजा हुई थी। हिन्दुस्तान पिरब्लिकन आर्मी के सेनापति प.राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में नौ और क्रांतिकारियों चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, शचीन्द्र नाथ बख्शी, मन्मथ नाथ गुप्त, मुकुन्दीलाल, केशव चक्रवर्ती, मुरारी लाल शर्मा व बनवारी लाल चतुर्दिक ने इस लूट को अंजाम दिया। लूट की खास बात यह रही कि क्रांतिकारियों ने इसमें किसी यात्री, ड्राईवर व गार्ड पर गोली नहीं चलायी।

अभियुक्तों की पैरवी के लिए काकोरी केस डिफेंस कमेटी नाम से पं. मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी जिसमें गणेश शंक र विद्यार्थी सचिव थे। देशबंधु चित्तरंजन दास ने क्रांतिकारियों की पैरवी के लिए कलकत्ता से नामी बैरिस्टर बीके चौधरी को भेजा। उनकी सहायता के लिए नामी वकील चंद्रभानु गुप्त, कृपाशंकर हजेला, बाबू मोहन लाल सक्सेना। इनकी सहायता के लिए कभी-कभी गोविंद बल्लभ पंत भी आते थे। पं. जगत नारायण मुल्ला सरकारी वकील नियुक्त हुए थे।

उनके पुत्र आनंद नारायण मुल्ला एवं एक अन्य जूनियर वकील हरीश चंद्र गुप्त थे। इस केस के लिए तीनों को सरकार से कुल मिलाकर साढ़े सात सौ रूपये मिलते थे। केस की पहली पेशी दिसंबर 1925 में लखनऊ की रोशनुद्दौला की कचहरी व बाद में जीपीओ में सुनवाई हुई। बाद में कुछ को सजा हुई जबकि 17 दिसंबर 1927 को राजेंद्र नाथ लाहिड़ी गोंडा जिला जेल में जबकि 19 दिसंबर 1927 को पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां वारसी हसरत एवं ठाकुर रोशन सिंह क्रमश: गोरखपुर जिला जेल, फैजाबाद जिला जेल एवं मलाका जेल इलाहाबाद में फांसी के फंदे पर लटका दिये गये।

Comments
English summary
Uttar Pradesh government has forgot the Kakori martyrs. No body came to give tribute to them on August 9 the Kakori Incident date.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X