मानसून कुछ दिन आराम करने के मूड में
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को छोड़कर मानसून के बादल हिमालय की ओर रुख कर गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव का क्षेत्र हिमालय की ओर बनने से मानसून के बादल हिमालय की ओर बारिश करने के लिए बढ़ गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य प्रदेश से बढ़ा सर्कुलेशन राजस्थान की ओर से होता हुआ पंजाब में वर्षा कर रहा था। यहां से दिल्ली की ओर बढ़ने के बजाय इसने उत्तराखंड और जम्मू की ओर रुख कर लिया। हालांकि विज्ञानियों के मुताबिक यह कोई नई बात नहीं है।
अमूमन हर एक -दो साल बाद ऐसा होता है। इससे परेशान होनेवाली बात नहीं है। चार या पांच दिनों बाद एक बार फिर यहां बारिश लायक हालात बन जाएंगे। अभी जो हालात है उससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, असम, मेघालय और बाकी उत्तर पूर्वी राज्यों के तराई के इलाकों पर भारी वर्षा होगी। अधिकतम आर्द्रता 81 फीसदी और न्यूनतम आर्द्रता 75 फीसदी दर्ज की गई। शनिवार को अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो कि सामान्य से दो डिग्री कम रहा। इसके अलावा न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि जुलाई का सामान्य तापमान रहा।
मौसम विज्ञानी आरसी वशिष्ठ कहते हैं कि १९ जुलाई के आस-पास वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स के कारण बारिश के हालात बनेंगे। हालात जो बता रहे हैं उससे लगता है कि बारिश फिलहाल २५ फीसदी कम के आंकडे पर नजर आ रही है। इससे सब्जियों के उत्पादन पर खराब असर पड़ेगा । कीमत और बढ़ सकती हैं।