सितारगंज उपचुनाव में जीते सीएम विजय बहुगुणा
यह उपचुनाव 8 जुलाई को हुआ था। इसमें मुख्यमंत्री के भाग्य का फैसला होने वाला था, और हो गया। बहुगुणा को अपने पद पर बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी था। भाजपा विधायक किरण मंडल ने बहुगुणा के पक्ष में इस्तीफा दे दिया गया था, जिसके बाद उप चुनाव कराने की नौबत आयी।
चुनाव पर पंत ने कहा था कि भाजपा की ओर से मिली कड़ी चुनौती की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को एक महीने तक विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले रहना पड़ा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि पहली बार कोई मुख्यमंत्री नियमित सरकारी कामकाज छोड़कर विधानसभा क्षेत्र में करीब महीने भर तक डेरा डाले रहा ताकि उपचुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित कर सके।
पंत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सितारगंज में पूरी चुनाव प्रक्रिया में राज्य सरकार ने चुनाव आयोग के प्रावधानों का उल्लंघन किया। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए कांग्रेस उम्मीदवार विजय बहुगुणा का नामांकन रद्द करने और मामले में विस्तृत जांच का आदेश दिए जाने की मांग की।
पंत ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के बरहज सीट से सपा विधायक प्रेम प्रकाश सिंह ने सितारगंज में मतदान किया जो चुनावी नियमों का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री अभी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और नियमों के अनुसार उन्हें अपने पद पर बने रहने के लिए विधायक बनना जरूरी है।