नेताओं को बेल हो जाती है लेकिन जेल नहीं: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा सभी राजनीतिक पार्टियां जन लोकपाल के खिलाफ हैं। विपक्ष की नेता के बारे में उन्होंने कहा कि वे सीबीआई को स्वतंत्र करने की बात तो करती हैं लेकिन उन्होंने संशोधन फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में जब देश के प्रधानमंत्री उस समय कोयला मंत्री थे तो बिना नीलामी के कोयले की खदानें व टेंडर दिए गए। 2000 रुपये प्रति टन की बजाय 100 रुपये प्रति टन के हिसाब से खदानें दी गई। जिससे देश को दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और निजी कंपनियों(अंडरवियर, गुटका, कैसेट निर्माता) को लाभ पहुंचा। मामला उठने के बाद सफाई दी गई कि देश की जनता को बिजली सस्ती दिलाने के लिए कम दामों में खदानें दी गई थी। इस घोटाले की गहनता से जांच होनी चाहिए। 2007 में जब प्रणव मुखर्जी देश के विदेश मंत्री थे तब घाना (अफ्रीका) देश को चावल का निर्यात किया गया जिसमें देश को ढाई हजार करोड़ का नुकसान हुआ। इससे पहले 2005 में पनडुब्बी की खरीद में भी करोड़ो रुपये का घोटाला हुआ।
अरविंद ने कहा कि देश में महंगाई के चलते भी भ्रष्टाचार बढ़ा है। देश में भ्रष्टाचार निवारण वाले कानून बेहद कमजोर हैं। वहीं सरकार को जन लोकपाल जो काफी मजबूत है, वो सरकार को मंजूर नहीं है। सरकारी लोकपाल जिसमें सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने वाले को दो साल कैद की सजा देने की बात करती है। वहीं, भ्रष्टाचारी को सरकार वकील की सुविधा भी दिए जाने की बात रखी गई है। सरकारी लोकपाल जनता के खिलाफ है। केजरीवाल ने कहा कि सरकार आरोपी मंत्रियों व नेताओं की जांच करवानी चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के अंडर जल्द से जल्द स्पेशल फास्ट कोर्ट बने और आरोपी मंत्रियों की जांच कराने के लिए स्पेशल जांच दल का गठन किया जाए।
25 जुलाई से जन लोकपाल बिल और 15 दागी मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी गठित करने करने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर आंदोलन शुरू होगा। अरविंद ने दुष्यंत कुमार की रचना से 'हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए, मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में ही सही हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए' पंक्तियों गाकर अपने वक्तव्य को विराम दिया। अन्ना टीम द्वारा हरियाणा में एक दिवसीय भ्रष्टाचार विरोधी जन क्रांति यात्रा की शुरूआत बहादुरगढ़ से करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी।
25 जुलाई से अन्ना के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हरियाणा प्रदेश की जनता को सहयोग करना होगा ताकि हम भविष्य के भारत को भ्रष्टाचार रहित देश बना सके। जन सभा में इस मौके पर अन्ना कोर कमेटी के सदस्य नवीन जयहिंद,जयहिंद छात्र मोर्चा,नागरिक समाज मंच, भ्रष्टाचार विरोधी मंच, शहीद भगत सिंह विकास परिषद् व अन्य संगठनों के सदस्य मौजूद रहे। वहीं, स्कूल, कॉलेजों के प्राचार्य व शिक्षक, बैंक अधिकारी, कर्मचारी, सेवानिवृत्त सेना कर्मी व अन्य शहरवासी भी पहुंचे।