नोएडा एक्सटेंशन की टेंशन होगी अब छूमंतर
आपको बता दें कि वैसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की वैधानिक समिति ने नोएडा एक्सटेंशन के मास्टर प्लान को हरी झंड़ी देने से पहले कुछ शर्तें भी लगाई हैं जिसमें पर्यावरण और सामाजिक संतुलन का विशेष रूप से ध्यान रखने की हिदायत दी है। सूत्रों ने बताया कि वैधानिक समिति की गुरुवार को एक अहम बैठक हुई। बैठक के बाद उसने बोर्ड को अपनी सिफारिशें भेजते हुए न सिर्फ आवासीय योजनाओं में समाज के सभी तबकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने की बात कही बल्कि पर्यावरण की सेहत को भी दुरुस्त रखने की व्यवस्था करने को कहा।
कमेटी ने सिफारिश की है कि नोएडा एक्सटेंशन में हर हाल में कम से कम 16 प्रतिशत हरित क्षेत्र सुरक्षित रखना होगा। साथ ही 20 से 25 प्रतिशत जगह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सुरक्षित रखनी होगी। पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान रखने के लिए कमेटी ने बोर्ड को कारगर उठाने की सिफारिश की है। इसके लिए पर्यावरण को नुकसान पंहुचा रही भवन निर्माण की मौजूदा पद्धति को नकारते हुए कमेटी ने प्रत्येक आवासीय परियोजना में प्रदूषण रहित क्लीन टेक्नॉलजी अपनाना सुनिश्चित करने की सिफारिश की है। हालांकि सिफारिशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बिल्डर्स के लिए पश्चिमी देशों में प्रचलित ग्रीन टेक्नॉलजी अपनाना अनिवार्य होगा या नहीं। कमेटी ने आवास और पर्यावरण के बीच संतुलन कायम करने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार करने की अनिवार्यता को भी सख्ती से लागू किए जाने की भी वकालत की है।
अब सर्कुलर से भी बन जाएगी बात
वैधानिक समिति से मुहर लगने के बाद नोएडा एक्सटेंशन में नौ महीने बाद फिर विकास कार्य शुरू होने की उम्मीद जगी है। इससे लाखों निवेशकों, बिल्डरों, किसानों व प्राधिकरण को राहत मिली है। मास्टर प्लान मंजूर कराने की मांग को लेकर निवेशक, किसान व बिल्डर लगातार एनसीआर प्लानिंग बोर्ड पर दबाव बना रहे थे। माना जा रहा है कि जुलाई से नोएडा एक्सटेंशन में चहल-पहल फिर लौट आएगी। मास्टर प्लानिंग को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर होने की औपचारिकता भर रह गई है।
प्राधिकरण की तैयारी है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक मास्टर प्लान को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर करा लिया जाए। बोर्ड बैठक नहीं होने पर सर्कुलर के माध्यम से मास्टर प्लान को मंजूर किया जा सकता है। वैधानिक समिति से मंजूरी मिलने के साथ नोएडा एक्सटेंशन का रास्ता एक तरह से साफ हो गया है। 21 अक्टूबर 2011 को हाईकोर्ट का फैसला आने के साथ नोएडा एक्सटेंशन समेत मास्टर प्लान 2011 के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए थे। प्राधिकरण ने नवंबर 2011 से मास्टर प्लान को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर कराने का प्रयास शुरू कर दिए थे। 22 अप्रैल को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक हुई थी।