सपा चाहती है मसाईल मैन एपीजे अब्दुल कलाम फिर बनें राष्ट्रपति
डा कलाम 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति पद पर रहे हैं और उनके नाम का प्रस्ताव सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने ही किया था। सपा एक बार फिर उनके नाम का प्रस्ताव कर सकती है । सपा की हाल में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये संभावित नामों पर चर्चा हुई जिसमें सबसे ऊपर डा कलाम का नाम उभर कर सामने आया।
बैठक में शामिल नेताओं के बीच यह राय बनी कि डा कलाम को इस पद के लिये एक मौका और दिया जाना चाहिये। बैठक में शामिल एक सपा नेता ने कहा कि इस मामले में अन्य दलों से बात करने की जरूरत है और पार्टी के नेता उचित समय पर अन्य दलों के नेताओं से बात करेंगे।
सपा देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 224 विधायकों के साथसत्ता में है। इसके अलावा कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी उसे मिला हुआ है। लोकसभा में अभी उसके 22 और राज्यसभा में 11 सांसद हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव में भी उसके सदस्यों की संख्या बढ़ेगी। राष्ट्रपति पद के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद तथाविधानसभा और विधान परिषद के सदस्य मतदान करते हैं।
मतों की संख्या का आंकड़ा उस राज्य की आबादी के हिसाब से निकाला जाता है। राष्ट्रपति के पिछले चुनाव में बसपा ने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिया था। सपा राष्ट्रपति पद के लिये कोई मुस्लिम चेहरा ही चाहती है। सपा के एक नेता ने कहा कि देश के इस सर्वोच्च पद के लिये डा कलाम से बेहतर कोई प्रत्याशी नहीं हो सकता।
कांग्रेस अपने प्रत्याशी की जीत के लिये सपा का समर्थन चाहेगी लेकिन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि कांग्रेस डा कलाम के नाम पर अपनी सहमति दे। हालांकि कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।