जरदारी के भारत दौरे में नहीं होगी सईद पर चर्चा
जरदारी की इस निजी यात्रा के बारे में प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने संसद को बताया कि सरकार वार्ता पर सभी संसद सदस्यों को विश्वास में लेगी और वह भारत के साथ कश्मीर समेत सभी कोर मुद्दों पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस्लामाबाद का कहना है कि आठ अप्रैल को होने वाली इस बैठक से अंतर-क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा मिलेगा। नेशनल एसेंबली और सीनेट के संयुक्त सत्र में अपने बयान में गिलानी ने कहा कि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि सरकार जिम्मेदार है और उनके (भारत) साथ बातचीत चल रही है। हम सभी कोर मुद्दों, कश्मीर, सियाचीन, जल और अन्य सभी मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में गिलानी ने कहा कि राष्ट्रपति जरदारी आठ अप्रैल को अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए एक निजी यात्रा पर भारत जा रहे हैं। वह अजमेर जाने से पहले दोपहर के भोजन पर नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे।
गिलानी ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं इसलिए भारत में वार्ता के लिए वह सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति अपनी भारत यात्रा के दौरान अन्य नेताओं से भी मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के साथ जो भी बातचीत होगी, (उस पर) हम सदन को विश्वास में लेंगे। गिलानी ने कहा कि उनके भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह ने उनसे कहा है कि आप सभी मुद्दों को उठाएं क्योंकि वह कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बसित ने संवाददाताओं से कहा कि शनिवार को जब जरदारी भारत की निजी यात्रा पर जा रहे हैं पाकिस्तान उस दौरान दोनों नेताओं के बीच रचनात्मक बातचीत होने की आशा करता है। बसित ने कहा कि हमारा मत है कि दोपहर के भोजन पर जरदारी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात विश्व के इस भाग में अंतर-क्षेत्रीय शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के राष्ट्रपति के विचारों को मूर्त रूप देने में योगदान करेगी।
दोनों पक्षों में से किसी ने इस बैठक के एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि बासित ने कहा कि दोनों नेता पड़ोसी मुल्कों के द्विपक्षीय संबंधों में लगातार महत्वपूर्ण बने रहने वाले सभी मुद्दों पर बात करेंगे।