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ऑटो चालक के बगल में बैठे और हादसे में मौत तो मुआवजा नहीं

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Accident
दिल्‍ली। अगर आप तिपहिया की आगे वाली ड्राइवर सीट पर बैठकर सफर कर रहे हैं और दुर्घटना होने पर आपकी जान चली जाती है तो बीमा कंपनी इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी। तिपहिया चाहे माल वाहक हो या फिर सवारी ले जाने वाली, दोनों ही मामलों में आगे की सीट पर बैठने पर होने वाली दुर्घटना के ऊपर बीमा कंपनी आपको कोई मुआवजा नहीं देगी। इसलिए आप ऐसी सवारी न करें जो कानूनन अवैध है। साथ ही हाईकोर्ट ने हादसे में मारे गए एक व्यक्ति के आश्रितों को मुआवजा देने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया।

निचली अदालत ने बीमा कंपनी को 12.25 लाख रुपये देने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने कहा कि मोटर वाहन एक्ट-1988 में यह साफ तौर पर कहा गया है कि तिपहिया की अगली सीट पर केवल ड्राइवर बैठेगा। अगर उसके बगल में कोई बैठता है तो वह पूरी तरह से गलत है। न्यायमूर्ति ने कहा कि ऐसे मौत पर बीमा कंपनी मुआवजा नहीं देगी। अगली सीट पर बैठने वाले ड्राइवर की अगर वाहन चलाते मौत हो जाती है तो उसके आश्रितों को बीमा कंपनी से मुआवजा मिल सकता है।

कोर्ट ने यह बात कहते हुए दुर्घटना में मौत का शिकार हुए भोनू साहनी के परिवारवालों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कर दिया परिवारवालों को मुआवजा वाहन मालिक या ड्राइवर से लेना चाहिए। कोर्ट के फैसले से एक निजी इंश्योरेंस कंपनी को बड़ी राहत मिल गई है। बीमा कंपनी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत से मुआवजे के तौर पर 12.25 लाख देने का आदेश दिया था। साहनी की 13 अप्रैल 2009 को उस समय दुर्घटना में मौत हो गई थी जब वह एक माल वाहक तिपहिया की अगली सीट पर बैठ कर जा रहा था।

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English summary
The Delhi High Court has held that insurance companies are not liable to pay compensation for accidental death of a person who is sitting along with the driver of a three-wheeler goods carrier.
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