दुनिया की कई कंपनियों से ज्यादा है डी कंपनी की दौलत
एक अधिकारी ने दाउद के बारे में ताजा खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दाउद न सिर्फ पाकिस्तान में बेधडक रह रहा है बल्कि वहां फल फूल भी रहा है। भारत का यह मोस्ट वांटेड अपराधी अपना गैर कानूनी कारोबार अन्य देशों में फैला रहा है और नये नये क्षेत्रों में कारोबार की संभावनाएं तलाश रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस बात के ताजा सबूत मिले हैं कि डी-कंपनी कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और अजरबैजान में तेल एवं खनन क्षेत्रा में भारी निवेश की योजना बना रही है।
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने बताया कि दाउद के बारे में यह सूचना चार महीने से अधिक की अवधि के बीच यानी सितंबर से दिसंबर 2011 के बीच हासिल की गयी है। सूत्रों ने बताया कि डी-कंपनी पाकिस्तान के लाहौर, पेशावर और कराची शहरों से अपनी गतिविधियों का संचालन करती है। एजेंसियों ने दावा किया है कि दाउद ने कर की पनाहगाह समझे जाने वाले कई देशों में भारी रकम जमा की है। इन देशों में बहामास, बरमूडा, लक्जेमबर्ग, हांगकांग, साइप्रस शामिल हैं।
खबरों के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों की जांच से खुलासा हुआ है कि डी-कंपनी तेल एवं खनन कारोबार में करोडों डालर निवेश की इच्छुक है । उल्लेखनीय है कि दाउद के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस है और अल कायदा के साथ संबंध रखने के कारण अमेरिका ने उसे अंर्तराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया। दाउद पर आरोप है कि 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोटों के पीछे उसका दिमाग था और उसने ही इस वारदात के लिए धन मुहैया कराया था। बताया जाता है कि दाउद और उसकी डी-कंपनी अवैध खनन, जाली नोट के प्रसार, सट्टेबाजी, हथियारों की तस्करी, रीयल इस्टेट, कमोडिटी बाजार निवेश और छोटे शहरों में कपडों के कारोबार में सक्रिय है।