बच्चे के जन्म के लिए गोवा बेस्ट और एमपी बुरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिशु मृत्यु दर पर जो राष्ट्रीय रिपोर्ट पेश की है उसके मुताबिक गोवा में शिशु मृत्यु दर सबसे कम है। गोवा में हर एक हजार में 10 शिशुओं की मौत जन्म के समय होती है जबकि केरल दूसरे नंबर पर हैं जहां प्रति हजार पर 13 बच्चों की मौत होती है। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 62 जबकि उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में 61 शिशुओं की मौत होती है।
हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश में शिशु मृत्यु दर में 3 फीसदी की कमी आई है। 2010 में आई रिपोर्ट में देश में शिशु मृत्यु दर 50 फीसदी थी। जो अब घटकर 47 फीसदी रह गई है। ग्रामीण इलाकों में मृत्यु दर में 55 से 51 की कमी आई है जबकि शहरी इलाकों में यह कमी 34 से 31 आई है। शहरी इलाकों में छत्तीसगढ़ और यूपी में सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर रिकॉर्ड की गई थी।
असम (58), बिहार (48), छत्तीसगढ़ (51), हरियाणा (48), मध्य प्रदेश (62), उत्तर प्रदेश (61), उड़ीसा (61), राजस्थान (55), मेघालय (55) के आंकड़े अभी भी राष्ट्रीय आंकड़ों से ज्यादा हैं जो कि 47 है।
शिशु मृत्यु दर भारत की सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या से निबटने के लिए भारत सरकार ऐसी योजना बना रहा है जिसमें घर-घर जाकर इस योजना को चलाएगा। माताओं को पालन-पोषण की जानकारी देने के लिए 42 दिनों के भीतर 6 बार जानकारियां जुटाई जाएंगी।