अरविंद केजरीवाल को अन्ना के इलाज पर शक
उन्हें बिना वजह जरुरत से अधिक स्टेरायड व एंटीबायटिक दवाएं दी गईं, जिस कारण उन्हें फिर से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी शुरू हो गई। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि ऐसा साजिशन किया गया या महज चूक है। वैसे गुडगांव में जहां इलाज चल रहा है वहां के डाक्टरों ने कहा है कि उनकी स्थिति बेहतर है। अन्ना के दूसरे सहयोगी ने कहा कि जिस तरह पुणे के डॉक्टरों ने पहले ही दिन से यह कहना शुरू कर दिया था कि अन्ना को एक महीने के आराम की जरूरत है और अब उन्हें सरकार बदले में इनाम दे रही है। उसे देखते हुए इस पूरे मामले की गंभीर जांच होनी चाहिए। रामदेव बाबा भी इसी तरह का आरोप लगा रहे हैं कि अन्ना हजारे बीमार नहीं हुए, बल्कि उन्हें गलत दवा देकर बीमार किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस डॉक्टर ने उन्हें बीमार करने के लिए गलत दवा दी, उसे सरकार ने पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है।
अन्ना के सहयोगी ने मेडीसिटी मेदांता अस्पताल में बताया कि पुणे के संचेती अस्पताल में खांसी व जुकाम की शिकायत के बाद हजारे को ज्यादा ताकत वाली एंटीबायटिक दवाएं दी गईं। इस कारण उनके शरीर में पानी की मात्रा बढ़ने के साथ ही वजन भी बढ़ गया। केजरीवाल ने कहा कि दवाओं के कुप्रभाव की वजह से उनके शरीर में सूजन है और रक्तचाप बढ़ा है गुड़गाव स्थित मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने रविवार को बताया कि अन्ना हजारे की जांच में उच्च रक्तचाप है. पेट, पैर और चेहरे में सूजन है। शरीर के कई भाग में पानी जमा है। दवाओं की अधिक डोज के कारण उन्हें भूख न लगने की शिकायत के अलावा,पेट में जलन व गैस बनने जैसी दिक्कतें कई दिनों से थीं। दवाओं के चलते ही सूजन जैसी परेशानी सामने आई। वहां सही इलाज नहीं होने के कारणउन्हें यहां के अस्पताल में दाखिल कराया गया। अन्ना हजारे को दिसंबर में संचेती अस्पताल में भर्ती किया गया था।
हजारे की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने पर मेदांता मेडीसिटी अस्पताल भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि इससे पहले 28 अगस्त, 2011 को अन्ना के इस अस्पताल में दाखिल होने के बाद हर रोज अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन स्वयं मेडिकल बुलेटिन जारी कर हजारे के जांच रिपोर्ट का भी खुलासा करते थे। हजारे के बारे में मीडियाकर्मी के सवालों को जवाब भी देते थे। सोमवार को हजारे आईसीयू में ही रहे।