रुस में गीता पर फिर पांबदी की तैयारी
भागवत
गीता
के
एक
संस्करण
पर
रूस
की
एक
अदालत
में
अपनी
याचिका
खारिज
होने
के
बावजूद
अभियोजन
पक्ष
इस
पर
प्रतिबंध
लगाने
के
लिए
फिर
से
अपील
दायर
करने
की
तैयारी
कर
रहा
है।
मालूम
हो
कि
यह
मामला
दिल्ली
में
संसद
में
भी
गूंजा
था
और
भारत
ने
इस
मुद्दे
रूसी
प्रशासन
से
अपनी
चिंता
भी
जताई
थी।
अभियोजन
पक्ष
की
दलील
है
कि
भागवत
गीता
का
रूसी
भाषा
में
अनुवादित
संस्करण
सामाजिक
विद्वेष
और
नफरत
फैलाने
वाला
है।
मॉस्को में इस्कॉन के साधु प्रियदास ने बताया कि साइबेरिया के टोमस्क शहर में स्थित कोर्ट ने गत 28 दिसंबर को अभियोजन पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी। इस तरह अदालत के उस फैसले के खिलाफ 25 जनवरी तक ही अपील की जा सकती थी। यह वक्त निकल चुका है। हालांकि उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत से उच्च अदालत में अपील दायर करने के लिए और वक्त भी मांगा था। दास का यह बयान तब आया जब मीडिया में अभियोजन पक्ष की ओर से दुबारा अपील करने की खबर आई।
रूसी
कोर्ट
के
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
अभियोजन
पक्ष
ने
कहा
है
कि
गीता
के
रूसी
संस्करण
को
प्रतिबंधित
किया
जाना
चाहिए।
वह
इस
संबंध
में
अब
उच्च
अदालत
में
याचिका
दायर
कर
रहे
हैं।
मालूम
हो
कि
रूसी
भाषा
में
अनुवादित
यह
संस्करण
गीता
और
इस्कॉन
के
संस्थापक
स्वामी
प्रभुपाद
के
प्रवचनों
का
संग्रह
है।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने रूसी राजदूत को बुलाकर कहा था कि इस मुद्दे का समाधान करने के लिए रूस को सभी जरूरी कानूनी मदद मुहैया करानी चाहिए। उधर, एक अमेरिकी टेलीविजन स्टेशन द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी से हिंदू समुदाय के लोगों में भारी गुस्सा है। इस टीवी स्टेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आइस हॉकी मैच की कमेंट्री में हिंदु देवी-देवताओं को अजीबोगरीब कहा गया है।
एनबीसी शिकागो वेबसाइट पर आइस हॉकी के एक मैच की कमेंट्री में ‘व्हाई ए 3-1 ब्लैकहॉक्स लॉस इज नॉट सो बैड’ शीर्षक से एक लेख छपा है। इसमें कहा गया है कि नैशविले प्रीडेटर्स ने शिकागो ब्लैकहॉक्स को 3-1 से हरा दिया। मैच में प्रीडेटर्स की टीम इस कदर कब्जा कर रही थी, जैसे कोई अजीबोगरीब हिंदू देवता राक्षसों पर करता है।
नेवादा स्थित हिंदू समुदाय के नेता राजन जेद ने बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व के करीब एक अरब से ज्यादा हिंदू अपने देवी-देवताओं की रोज पूजा करते हैं। ऐसे में उन्हें अजीब कहना सभी हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिंदुइज्म के अध्यक्ष राजन ने वेबसाइट पर प्रकाशित अशोभनीय टिप्पणी को तत्काल प्रभाव से हटाने और माफीनामा छापने की मांग की है।