अन्ना से बातचीत को तैयार सरकार: पी चिदंबरम
अन्ना हजारे के अनशन को 3 दिन बाकी हैं। गृहमंत्री ने अनशन की जगह पर कहा कि यह दिल्ली पुलिस पर निर्भर करता है कि वे अन्ना के अनशन के लिए क्या-क्या शर्तें रखते हैं। पी चिदंबरम ने कहा कि अगर अन्ना हजारे चाहें तो सरकार उनके साथ मिलकर लोकपाल बिल पर चर्चा कर सकती है। उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल संशोधन के लिए लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी के पास पहुंच चुका है।
गौरतलब है कि सिविल सोसाइटी और सरकार द्वारा तैयार लोकपाल बिल के ड्राफ्ट में कई अंतर हैं। जहां सिविल सोसाइटी प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में रखना चाहती है वहीं सरकार ने इन दोनों को अपने लोकपाल बिल के ड्राफ्ट से बाहर रखा है। इसके बाद केबिनेट ने भी सरकार के लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद अन्ना हजारे ने अनशन की घोषणा की थी।
गृहमंत्री के बयान से इतना तो साफ हो गया है कि सरकार को समझ में आ गया है कि अन्ना हजारे के जनलोकपाल बिल को जनता का समर्थन हासिल है। ऐसे में सरकारी लोकपाल बिल को पास करके वे जनता को पार्टी से दूर नहीं करना चाहेगी। इसी तरह सरकार ने रामलीला पर बाबा रामदेव के आंदोलन से पहले उनसे भी बातचीत की थी।