500 रुपये के नए नोट के लिए हो जाएं तैयार
नए नोटों में कुछ अहम बदलाव के साथ इस बार नोटों की लंबाई, आकार, रंग और डिजाइन में भी परिवर्तन की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस मामले पर डिजाइनिंग कमेटी समेत दूसरी महत्वपूर्ण समितियों की बैठकों का सिलसिला चल रहा है। उम्मीद है कि अगले दो माह में नोटों के नए सुरक्षा फीचर पर अंतिम सहमति बन जाए। हालांकि अधिकारी यह बताने से इनकार कर रहे हैं कि मंत्रालय किन देशों के सुरक्षा फीचर को रुपये की सुरक्षा के लिए अपनाना चाहता है। लेकिन यह जरूर संकेत दिया कि विकसित देशों के नोटों के सुरक्षा फीचर के गहन अध्ययन के लिए एक टीम को लगाया गया है। इस टीम की सिफारिशों के आधार पर भारतीय नोटों में बदलाव किया जाएगा।
मालूम हो कि पिछले पांच वर्ष में नोटों के सिक्योरिटी प्रिंटिंग का खर्च दोगुना हो चुका है, लेकिन इससे नकली नोटों की तादाद में कमी नहीं आई है। बल्कि इस अवधि में यह चार गुना तक बढ़ चुके हैं। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2006-07 में एक लाख चार हजार नकली नोट बरामद किये गए थे, जो कि अब बढ़कर साढ़े चार लाख से ज्यादा हो चुके हैं। मालूम हो कि वर्ष 2004-05 में नोटों पर सुरक्षा फीचर अंकित करने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे, जो कि 2009-10 में बढ़कर तीन हजार करोड़ के लगभग पहुंच चुका है लेकिन इस भारीभरकम खर्च के बावजूद जाली नोटों के कारोबार पर असर नहीं पड़ रहा है। ज्यादातर जाली नोट पाकिस्तान में छपते हैं। इसे बांग्लादेश के रास्ते भारत में भेजा जाता है।