देश में पहली बार मिली लेस्बियंस को कानूनी मान्यता
हुआ कुछ यूं कि बागपत में साथ पढ़ने वाली दो युवतियां के रिश्ते दोस्ती से और आगे बढ़ गए और वे लेस्बियन बन गईं। दोनों लड़कियां बचपन की दोस्त हैं। हालांकि गुड़गांव की अदालत में इन दोनों ने लिव इन रिलेशनशिप के तहत रहने का शपथ पत्र दिया था। साथ ही दावा किया था कि वे शादी भी कर चुकी हैं। दोनों लड़कियां जब अदालत में आई थी तो सविता दुल्हन के वेश में थी और बीना ने मर्दाना पोशाक पहन रखी थी। दोनों ने कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
यह जानते हुए कि भारत में अभी भी इस तरह की शादियां कानूनी रूप से मान्य नहीं है, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विमल कुमार ने दोनों के बयान दर्ज करवा लिए है। बयान के मुताबिक सविता और बीना ने 22 जुलाई 2011 को अपनी मर्जी से शादी की थी। शादी के लिए उनके ऊपर किसी का दबाव नहीं है और न ही किसी लालच के कारण वे ऎसा कर रही हैं। सविता और बीना ने गुड़गांव के एक पब्लिक नोटेरी के यहां शादी के लिए शपथपत्र बनवाया था। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि समलैंगिक सम्बन्ध रखना कोई अपराध नहीं है।