देश के कई राजनेता हो चुके हैं हवाई हादसों के शिकार
यहां पर हम जिक्र कर रहे हैं उन जानलेवा हवाई हादसों की जो अपने साथ कई राजनेताओं की जान ले गये।
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को सुबह करीब दस बजे तवांग से ईटानगर लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर के लापता होने की खबरों से मचा कोहराम दोपहर में थमा जब इसके भूटान सीमा पर टपोरची के पास आपात लैंडिंग करने की सूचना आई। भारत में यह कोई पहली वाक्या नहीं जब उड़नखटोले ने राजनैतिक गलियारे के किसी महत्वपूर्ण कड़ी को अपनी चपेट में लिया हो।
इससे
पहले
भी
कई
राजनैतिक
हस्तियां,
फिल्मी
हस्तियां
और
सेना
के
जवान
उड़नखटोले
से
उड़
और
फिर
आकाश
की
गोंद
में
ही
समा
गये।
कभी
इंजन
की
खराबी
तो
कभी
मौसम
की
बेवफाई
ने
कई
ऐसे
हादसों
को
न्योता
दिया
है।
तो
आईए
एक
नजर
डालते
हैं
उन
हादसों
पर
जो
उड़नखटोलों
से
संबधित
हैं-
23
जनवरी
1980:
पूर्व
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
के
पुत्र
संजय
गांधी
दिल्ली
फ्लाइंग
क्लब
का
नया
विमान
उड़ा
रहे
थे।
कलाबाजी
के
दौरान
सफदरजंग
एयरपोर्ट
के
पास
दुर्घटनाग्रस्त,
मौत।
14
नवम्बर
1997:
रक्षा
राज्यमंत्री
एनवीएन
सोमू
और
तीन
सैन्य
अधिकारी
अरुणाचल
प्रदेश
में
तवान
के
नजदीक
हेलीकॉप्टर
दुर्घटना
में
मौत
।
वर्ष 2001: एक चुनावी दौरे पर जा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधवराव सिंधिया की भी एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके साथ कई मीडियाकर्मी भी मारे गए थे।
मार्च
2002:
लोकसभाध्यक्ष
जीएमसी
बालयोगी
का
भी
विमान
दुर्घटना
में
निधन
हो
गया
था।
बालयोगी
आंध्र
प्रदेश
के
काईकलूर
जिल
में
मारे
गए
थे।
17
अप्रैल
2004
:
प्रसिद्ध
अभिनेत्री
सौंदर्या
का
बेंगलुरू
से
उड़ान
भरने
के
बाद
सेसेना-180
एयरक्राफ्ट
ने
आग
पकड़
ली
थी।
आंध्रप्रदेश
के
जाक्कुर
एयरफील्ड
के
पास
मलबे
से
उनका
शव
बरामद
किया
गया
था।
मार्च 2005: इस हादसे ने तो हरियाण राज्य को शोक में डाल दिया था। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हरियाणा के दो मिनिस्टरों को लेकर जा रहा विमान दुर्घटना का शिकार हाक गया और उनकी मौत हो गयी। विमान में कृषि मंत्री सुरेंदर सिंह थे जबकि दूसरे में पावर मिनिस्टर ओपी सिंह थे। दुर्घटना में विमान का पायलट भी मारा गया था।
वर्ष 2007: भोपाल से रायपुर जा रहे छत्तीसगढ़ सरकार का एक हेलीकॉप्टर रास्ते में ही गायब हो गया था। ईसी -135 नाम के इस हेलीकॉप्टर में दो पायलट थे। यह विमान जिस जगह से गायब हुआ था, वह पूरा इलाका नक्सलवादी क्षेत्र था।
नवम्बर 2008: मुख्यमंत्री उमा भारती को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रास्ता भटक गया और पूरे दो घंटे तक हवा में ही अटका रहा।
अप्रैल 2009: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का हेलीकॉप्टर अपने निर्धारित स्थान से 70 किमी दूर उतर गया। बाद में पता चला कि खराब मौसम के कारण निर्माणाधीन हाईवे पर हेलीकॉप्टर को लैंड कराना पड़ा।
अप्रैल 2009: इस हादसे की भी शिकार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह होते-होते बच गये। जन संबोधन के लिये सतना जनपद के एक गांव में जाते समय मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर का पाइप फट गया और पायलट ने होशियारी का परिचय देते हुए उसे एक खेत में लैंड करा बड़े हादसे को टाल दिया।
सितम्बर
2009:
आंध्रप्रदेश
के
मुख्यमंत्री
वाईएस
राजशेखर
रेड्डी
समेत
पांच
लोग
हेलीकॉटर
क्रैश
में
मारे
गये
थे।
हसदसे
में
हेलीकॉप्टर
पूरी
तरह
से
टूट
और
जल
गया
था।
तीन
दिन
बाद
जब
सबके
शव
बरामद
हुए
तो
वह
अवशेष
मात्र
थे।
भारतीय
वायुसेना
के
हेलीकॉप्टरों
ने
कुरनूल
के
पूरब
आत्माकुर
के
पास
एक
पहाड़ी
की
चोटी
पर
जले
हुए
हेलीकॉप्टर
को
देखा
था।
इस
हादसे
ने
तो
राज्य
को
हिला
कर
रख
दिया
था।
19
नवम्बर
2010:
भारतीय
वायुसेना
का
एक
हेलिकॉप्टर
एमआई-17
पूर्वोत्तर
राज्य
अरुणाचल
प्रदेश
में
दुर्घटनाग्रस्त
हो
गया
है
जिससे
इसमें
सवार
सभी
12
लोगों
की
मौत
हो
गई।
2
फरवरी
2011:
रक्षा
विभाग
का
एक
हेलीकॉप्टर
दुर्घटनाग्रस्त
हो
गया,
जिसमें
हेलीकॉप्टर
के
पायलट
और
को
पायलट
मारे
गये।
22 अप्रैल 2011: उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम की राजधानी गंगटोक के पूर्वोत्तर इलाके में एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार 2 मेजर सहित 4 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई है।